कोरोना संकट में भारत ने पाकिस्तान की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है. गावी समझौते के तहत पड़ोसी मुल्क़ को साढ़े चार करोड़ मुफ़्त कोविड वैक्सीन पहुंचाई जाएगी. 1.6 करोड़ वैक्सीन की पहली खेप जल्द ही पहुंचेगी. वैक्सीनेशन तक पहुंच बढ़ाने के लिए की गई पब्लिक-प्राइवेट ग्लोबल हेल्थ साझीदारी यूनाइटेड ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन्स एंड इम्युनाइज़ेशन (GAVI) के तहत दी जाएंगी.
भारत ने अब तक तीन श्रेणियों वैश्विक वैक्सीन गठबंधन के हिस्से के रूप में, अनुदान या सहायता के रूप में (निःशुल्क), और वाणिज्यिक बिक्री के माध्यम के तहत 65 देशों को टीके की आपूर्ति की है. पाकिस्तान को छोड़कर भारत के सभी पड़ोसी देशों को अभी तक कोरोना टीके मिल चुके हैं. अफगानिस्तान, मालदीव, नेपाल और बांग्लादेश ने 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन का इस्तेमाल करते हुए टीकाकरण शुरू कर दिया है.
पिछले साल, संयुक्त GAVI गठबंधन ने पाकिस्तान सहित लगभग 190 देशों की 20 प्रतिशत आबादी को मुफ्त टीके प्रदान करने की बात कही थी.
अभी लॉजिस्टिक्स पर चर्चा जारी है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित कोविशिल्ड की 45 मिलियन खुराक भारत से पाकिस्तान भेजी जाएगी. अदार पूनावाला का सीरम संस्थान दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है. बता दें, अभी तक कोरोनावायरस के 5.95 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं.
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बता दें, कोविड-19 टीके के निर्माण और विभिन्न देशों को उसकी आपूर्ति के माध्यम से संकट प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारत की प्रशंसा करते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में भारत अग्रणी रहा है और टीका नीति के दृष्टिकोण से वह बहुत अच्छा कर रहा है.गोपीनाथ ने कहा था, ‘मैं यह भी कहना चाहती हूं कि टीका नीति के संदर्भ में भारत बहुत अच्छा कर रहा है. अगर आप देखें कि दुनिया में टीका उत्पादन का एक बड़ा हब कहां है.. तो वह भारत है.'
गोपीनाथ ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि सामान्य वर्ष में भी वह दुनिया में सबसे ज्यादा टीके का उत्पाद करता है और फिलहाल वह कोविड-19 टीके का उत्पादन कर रहा है और साथ ही दुनिया भर में इसकी आपूर्ति कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत अग्रणी रहा है.' उन्होंने रेखांकित किया कि भारत बांग्लादेश, नेपाल और म्यामां सहित पड़ोसी देशों को मदद के रूप में टीके के डोज दिए हैं और उसका निर्यात भी कर रहा है. (इनपुट- भाषा से भी)
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