यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा के खिलाफ 32 साल पुराने केस में गिरफ्तारी वारंट कोर्ट ने वापस लिया

अदालत ने गुरुवार को पाया था कि लड़ाई-झगड़े से संबंधित 32 साल पुराना मामला तीन मार्च को सुनवाई के लिए अदालत में लगा हुआ था, जहां पर बचाव पक्ष को अपना साक्ष्य देना था.

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UP सरकार के मंत्री मोहसिन रजा को कोर्ट से मिली राहत
लखनऊ:

यूपी की एक अदालत ने योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री मोहसिन रजा (Mohsin Raza) को एक मामले में गिरफ्तारी से राहत दे दी है. सांसद-विधायक अदालत के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने 32 साल पुराने एक मामले में मंत्री मोहसिन रजा के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को शुक्रवार को वापस ले लिया. अदालत ने आदेश पारित करते हुए रजा को 20 हजार रुपये का निजी मुचलका भरने का निर्देश दिया. रजा अदालत में पेश हुए और दलील दी कि वह अपनी बीमारी के कारण बृहस्पतिवार को अदालत नहीं आ सके.

अदालत ने गुरुवार को पाया था कि लड़ाई-झगड़े से संबंधित 32 साल पुराना मामला तीन मार्च को सुनवाई के लिए अदालत में लगा हुआ था, जहां पर बचाव पक्ष को अपना साक्ष्य देना था, लेकिन मोहसिन रजा न तो व्यक्तिगत रूप से हाजिर हुए और न ही अपनी ओर से बचाव साक्ष्य प्रस्तुत किया. इस पर अदालत ने उनकी ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.अभियोजन पक्ष के अनुसार एक व्यक्ति ने 19 मई 1989 को रजा और एक अन्‍य के खिलाफ वजीरगंज पुलिस में मामला दर्ज कराया था. आरोप है कि वादी ट्रक चला रहा था तभी दोनों आरोपियों ने उसे ट्रक से बाहर निकाला और उससे मारपीट की.

यूपी में योगी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा (Mohsin Raza) अपनी बेबाकी के लिए मशहूर हैं. उन्होंने तीन तलाक, स्कूलों में ड्रेस कोड जैसे मुद्दों पर कई ऐसे बयान दिए हैं, जो सुर्खियों में रहे हैं. मोहसिन रजा ने अयोध्या में राम मंदिर और अन्य मुद्दों पर सार्वजनिक तौर पर अपनी राय रखी है. 

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