के. कविता को घर का बना खाना, अन्य सामान नहीं मिलने पर अदालत ने तिहाड़ के अधिकारियों से जवाब मांगा

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने आवेदन पर तिहाड़ जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया था कि वह कविता को घर का बना खाना लेने, गद्दा, चप्पल, कपड़े, चादर, किताबें, कंबल, कलम, कागज, आभूषण और दवाइयां ‘जेल नियमावली के अनुसार’ रखने की अनुमति दें.

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दिल्ली की एक अदालत ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता की एक अर्जी पर तिहाड़ जेल अधिकारियों से जवाब मांगा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अदालत के आदेशों के बावजूद उन्हें घर का बना खाना और गद्दे सहित कुछ चीजें जेल में मुहैया नहीं कराई गईं. इससे पहले, मंगलवार को कविता ने अपनी चिकित्सकीय स्थिति के कारण कुछ चीजों की इजाजत देने का अनुरोध करते हुए एक आवेदन दिया था.

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने आवेदन पर तिहाड़ जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया था कि वह कविता को घर का बना खाना लेने, गद्दा, चप्पल, कपड़े, चादर, किताबें, कंबल, कलम, कागज, आभूषण और दवाइयां ‘जेल नियमावली के अनुसार' रखने की अनुमति दें.

हालांकि, कविता ने बृहस्पतिवार को दायर एक अर्जी में कहा कि इन वस्तुओं के संबंध में अदालत के आदेश का पालन नहीं किया गया. अर्जी में कहा गया, ‘‘26 मार्च के आदेश की पूरी तरह से अवहेलना करते हुए, अदालत के निर्देश के मुताबिक कोई भी वस्तु याचिकाकर्ता (कविता) को प्रदान नहीं की गई या रखने की अनुमति नहीं दी गई.''

अर्जी में कहा गया, ‘‘इसके अलावा, याचिकाकर्ता को जेल में चश्मा और अपनी जप माला भी ले जाने की अनुमति नहीं दी गई.'' अर्जी में कहा गया कि अदालत ने उन्हें इन वस्तुओं तक पहुंच की अनुमति देने के निर्देश इसलिए दिए क्योंकि वह विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं.

न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को तिहाड़ जेल अधिकारियों से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई शनिवार को तय की. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ‘साउथ ग्रुप' की प्रमुख सदस्य थीं, जिस पर दिल्ली में शराब लाइसेंस में बड़ा हिस्सा प्राप्त करने के बदले आम आदमी पार्टी (आप) को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है.

ईडी द्वारा हैदराबाद से गिरफ्तार किए जाने के बाद, कविता को 16 मार्च को सात दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया था और पिछले शनिवार को इसे तीन दिन के लिए बढ़ा दिया गया था. बाद में अदालत ने कविता को नौ अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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