कोयला घोटाला मामले में कोर्ट ने एचईपीएल के तीन अफसरों  को दोषी ठहराया

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को हिमाचल ईएमटीए पावर लिमिटेड (HEPL) और उसके दो निदेशकों तथा एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी को केंद्र सरकार को धोखा देने और आपराधिक साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया.

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दोषियों पर लगी धाराओं के तहत उन्हें अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है. 
नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को हिमाचल ईएमटीए पावर लिमिटेड (HEPL) और उसके दो निदेशकों तथा एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी को केंद्र सरकार को धोखा देने और आपराधिक साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया. इन पर आरोप था कि उन्होंने 2009 में पश्चिम बंगाल में एक कोयला ब्लॉक का अधिग्रहण करने के लिए तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया. विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने आरोपी कंपनी हिमाचल ईएमटीए पावर लिमिटेड, उसके दो निदेशकों - उज्जल कुमार उपाध्याय और विकास मुखर्जी, और उसके मुख्य महाप्रबंधक (बिजली) एन सी चक्रवर्ती को आपराधिक साजिश (आईपीसी 120-बी) और धोखाधड़ी (आईपीसी 420) के लिए दोषी ठहराया.

दोषियों पर लगी धाराओं के तहत उन्हें अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है. सजा पर बहस पांच सितंबर को होगी.अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने साबित किया है कि आवेदन और फीडबैक फॉर्म में बताई गई निवेश, भूमि और पानी से संबंधित जानकारी झूठी थी. अदालत ने कहा कि आरोपियों को दस्तावेजों में दी गई झूठी जानकारी के बारे में जानकारी थी.




 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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