देश के पहली 'CNG ट्रैक्टर' को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह और केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला की उपस्थिति में लॉन्च किया गया. ट्रैक्टरों के लिए CNG तकनीक से डीज़ल की तुलना में 85 फ़ीसदी कम प्रदूषण होगा. किसान हर वर्ष लगभग 1.5 लाख रुपये ईंधन पर बचत कर पायेंगे. इसके साथ ही यह किसानों के लिए अतिरिक्त आय का भी साधन बनेगा.
ट्रैक्टर को डीजल से सीएनजी ईंधन वाला बनाया गया है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा था, ‘‘रावमैट टेक्नो सॉल्यूशंस और टॉमासेटो ऐशिल इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से परिवर्तित और विकसित इस ट्रैक्टर से किसानों की लागत कम करने और ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी.''
बयान में यह भी कहा गया था कि यह अधिक सुरक्षित है क्योंकि सीएनजी टैंक पर कड़ी सील लगायी गयी है. इससे इसमें ईंधन भरने के दौरान या ईंधन फैलने की स्थिति में विस्फोट खतरा कम होता है.
बयान में कहा गया, ‘‘इसका भविष्य है, क्योंकि वर्तमान में, दुनिया भर में लगभग 1.2 करोड़ वाहन पहले से ही प्राकृतिक गैस से संचालित हैं और हर दिन और अधिक कंपनियां और नगर पालिकाएं सीएनजी वितरण में शामिल हो रही हैं.'' इसमें कहा गया, ‘‘डीजल की तुलना में सीएनजी में कार्बन उत्सर्जन में 70 फीसदी की कमी होती है. इससे किसानों को ईंधन की ईंधन लागत में भी 50 प्रतिशत तक की बचत होती.'' (इनुपट भाषा से...)