देश किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगा : चीन के साथ तनाव पर बोले जनरल बिपिन रावत 

Ladakh Border Dispute : पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग के संघर्ष वाले क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने के लिए भारत (India) और चीन (China) के बीच सैन्य वार्ता के नवीनतम दौर में चीनी पक्ष ने कोई लचीलापन नहीं दिखाया.

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भारत-चीन के बीच 11वें दौर की सैन्य वार्ता 11 April को हुई थी.
नई दिल्ली:

चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध का इशारा देते हुए गुरुवार को कहा कि भारत उत्तरी सीमाओं पर यथास्थिति को बदलने की कोशिशों को रोकने के लिए मजबूती से खड़ा है. भारत ने साबित कर दिया कि वह किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगा.जनरल रावत ने दिल्ली ‘रायसीना डॉयलॉग' में कहा कि चीन ने सोचा था कि वह थोड़ी सी ताकत दिखाकर अपनी मांगें मनवाने के लिए दूसरे देशों को मजबूर करने में सफल रहेगा, क्योंकि उसके पास टेक्नोलॉजी के कारण से बेहतर सेनाएं हैं.

सीडीएस ने कहा, हमें लगता है कि भारत उत्तरी सीमाओं पर मजबूती से खड़ा रहा और हमने साबित कर दिया कि हम झुकेंगे नहीं. सीडीएस ने कहा कि क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने के प्रयासों को रोकने में मजबूती से खड़ा होकर भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन प्राप्त करने में सफल रहा. सीडीएस रावत ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी ने (चीन) यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि वे शक्ति का इस्तेमाल किए बिना विध्वंसक तकनीक के सहारे यथास्थिति को बदल देंगे.

उसने यह भी सोचा कि भारत, एक देश के रूप में, उनके द्वारा बनाए जा रहे दबाव के आगे झुक जाएगा क्योंकि उनके पास तकनीकी लाभ हैं.जनरल रावत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय यह कहने के लिए भारत का सहयोग करने आया कि एक अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था है, जिसका हर देश को पालन करना चाहिए. यह वह बुनियाद है जो हम हासिल करने में सफल रहे हैं.

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पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग के शेष संघर्ष वाले क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने के लिए भारत (India) और चीन (China) के बीच सैन्य वार्ता के नवीनतम दौर में चीनी पक्ष ने इस मुद्दे पर अपने रूख में कोई लचीलापन नहीं दिखाया. वार्ता के जानकार लोगों ने शनिवार को यह जानकारी दी. दोनों देशों के बीच 13 घंटे तक चली 11वें दौर की सैन्य वार्ता के एक दिन बाद भारतीय सेना (Indian Army) ने शनिवार को एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने शेष क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने पर विस्तृत चर्चा की और जमीनी स्तर पर संयुक्त रूप से स्थिरता बनाए रखने, किसी भी नई घटना को टालने और लंबित मुद्दों का ‘‘शीघ्र'' समाधान करने पर सहमति जताई.

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