झारखंड का रामगढ़ उपचुनाव : पहले दौर की गणना में आजसू 5,838 मतों से आगे

कांग्रेस विधायक ममता देवी को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित किए जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव हुआ. कांग्रेस ने इस सीट से ममता देवी के पति बजरंग महतो को उतारा है.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
झारखंड की रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गई है. (सांकेतिक फोटो)
रामगढ़:

झारखंड में रामगढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की बृहस्पतिवार को पहले दौर की गणना के बाद ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी की उम्मीदवार सुनीता चौधरी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के बजरंग महतो से 5,838 मतों से आगे हैं. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

उपचुनाव के लिए आजसू पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन किया है. अधिकारी ने कहा कि पहले दौर में आजसू पार्टी को 12,910 वोट मिले हैं, जबकि सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस को 7,072 मत हासिल हुए हैं.

रामगढ़ के अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) सह निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद जावेद हुसैन ने बताया कि राजधानी रांची से करीब 40 किलोमीटर दूर रामगढ़ कॉलेज में सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई.

हुसैन ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘मतगणना पर्यवेक्षकों, सहायकों और मतगणना निरीक्षकों सहित 120 कर्मियों द्वारा 40 पटल पर मतों की गिनती की जा रही है और यह 11 दौर में पूरी होगी.''

रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए 27 फरवरी को उपचुनाव हुआ था, जिसमें 67.96 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया था.

उपचुनाव में 14 निर्दलीयों सहित 18 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई है, लेकिन मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और आजसू पार्टी के बीच माना जा रहा है.

Advertisement

कांग्रेस विधायक ममता देवी को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित किए जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था.

कांग्रेस ने इस सीट से ममता देवी के पति बजरंग महतो को उतारा है, जबकि आजसू पार्टी ने सुनीता चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें-
जेएनयू के नए नियम : धरना करने पर 20,000 रुपये जुर्माना, हिंसा करने पर दाखिला रद्द
झारखंड में चिकित्सकों की हड़ताल, सभी सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में सेवाएं बाधित

Featured Video Of The Day
Justice BV Nagarathna ने सुनाई 2 वकीलों की रोचक कहानी, एक बने राष्ट्रपति तो दूसरे CJI | EXCLUSIVE