मध्यप्रदेश में 20 से अधिक बच्चों की मौत का कारण बनी दूषित कफ सिरप 'कोल्ड्रिफ' का निर्माण करने वाली तमिलनाडु की कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन को एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इससे पहले श्रीसेन फार्मा के मालिक गोविंदन की 10 दिन की हिरासत मिलने के बाद विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) तफ्तीश के लिए उसे तमिलनाडु के कांचीपुरम ले गया था.
एसआईटी प्रमुख जितेंद्र सिंह जाट ने बताया कि हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद उसे परासिया शहर में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम गुर्जर के समक्ष पेश किया गया. अधिकारी ने बताया कि छिंदवाड़ा के डॉ. प्रवीण सोनी, दवाओं के थोक विक्रेता राजेश सोनी और डॉ. सोनी की पत्नी के मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट सौरभ जैन पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं.
अधिकारियों के अनुसार, छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में कम से कम 24 बच्चों की 'कोल्ड्रिफ' सिरप पीने के बाद गुर्दे की खराबी से मौत हो गई. एसआईटी प्रमुख ने कहा कि कंपनी की विनिर्माण इकाई को सील कर दिया गया है.
इससे पहले, राज्य सरकार ने दो औषधि निरीक्षकों और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के एक उप निदेशक को निलंबित कर दिया था. इसके अलावा मौतों पर राज्य के औषधि नियंत्रक का तबादला भी कर दिया गया था.
एक स्थानीय अदालत ने डॉ. सोनी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख किया है.