देश में कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे और उससे निपटने के उपायों को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एनडीटीवी की मुहिम द सॉल्यूशंस समिट, इंडिया बनाम कोरोना () में अपनी बात रखी. अमरिंदर सिंह ने कहा कि कोरोना से जुड़ी पाबंदियों का मकसद लोगों को परेशानी में डालने की बजाय उन्हें सुरक्षा देना होना चाहिए. कैप्टन ने पंजाब सरकार के ऐसे ही तमाम सकारात्मक उपायों को गिनाया. अमरिंदर सिंह ने साफगोई से कहा कि कोरोना से जुड़े मुद्दों पर राज्यों को तय करने दिया जाए कि क्या करना है, क्योंकि दिल्ली, पंजाब हो या कहीं और मुख्यमंत्रियों के बीच अलग-अलग सोच है.
कोरोना वैक्सीन की कमी पर अमरिंदर ने कहा कि हमारे पास करीब 3 लाख डोज हैं, लेकिन अभी हम 1.5 लाख तक दे पा रहे हैं. मगर अगर हम पूरी क्षमता से वैक्सीन करते हैं तो 1-2 दिन का ही स्टॉक बचेगा. लिहाजा जब देश में कमी थी तो दूसरे देशों को उपहार में देने की क्या जरूरत थी. अगर हमारे पास पर्याप्त भंडार होता तो ऐसा करने में कोई गलत नहीं था
अमरिंदर ने कोरोना पॉजिटिव या उनके संपर्क में रहने वाले लोगों को क्वारंटाइन करने का उदाहरण दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उन्हें फूड किट दे रहे हैं, जिसमें आटा, दाल-चावल समेत तमाम चीजें हैं. इस तरह से गरीब परिवारों की मदद की जा रही है, ताकि कोरोना की महामारी में चपेट में आने के कारण उन्हें किसी भी तरह की परेशानी न झेलनी पड़े. कोरोना मरीजों को 20 तरह की दवाओं के साथ एक किट भी मुहैया कराई जा रही है, ताकि उन्हें इसके लिए भटकना न पड़े. कोरोना की रोकथाम से जुड़े उपायों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गेहूं की सरकारी खरीद के केंद्रों और मंडियों में चिकित्सकों की टीम तैनात कर रखी है, जो वहां रैंडम टेस्टिंग कर रही है. बिना मास्क पहने कोई गाड़ी में घूमता दिखता है तो न केवल 500 रुपये जुर्माना लगाते हैं, साथ ही गाड़ी वहीं रुकवाकर उनका टेस्ट भी करवाते हैं.
सोशल डिस्टेंसिंग या मास्क न लगाने वालों पर कार्रवाई को लेकर कैप्टन ने कहा कि वो मानते हैं कि युवावस्था में लोग दूसरों की नहीं सुनते हैं. वो भी ऐसा करते थे. लेकिन युवाओं को समझना होगा कि ये खतरनाक बीमारी है, जो युवा पीढ़ी को भी तेजी से शिकार बना रही है.कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि किस्मत से पंजाब में रेमेडेसिविर की कोई कमी नहीं है. राजस्थान के पास ये अतिरिक्त थीं तो राज्य को वहां से मिल गई हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का कहना है कि अगर आप अच्छे नहीं हैं तो अस्पताल और डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टर ये तय करेगा कि आपको क्या करना है. पंजाब में 24 घंटे में आरटीपीसीआर की रिपोर्ट दी जा रही है, लेकिन एक दिन में 30 प्रतिशत कोरोना के मामलों में इजाफा हो जाएगा. अगर आप टेस्ट और ट्रेसिंग नहीं करोगे त. 300 से 40 हजार तक बढ़ गई है. जितना टेस्टिंग बढ़ेगी तो मामले बढ़ेंगे. 24 लाख लोगों के 9 लाख लोगों के टेस्ट किए तो उनमें 98 हजार पॉजिटिव मिले.
लॉकडाउन के मामले में अमरिंदर सिंह ने कहा कि हमने पिछले बार लॉकडाउन किया था, लेकिन तब लुधियाना से अन्य राज्यों से प्रवासियों का पलायन हुआ. हम अर्थव्यवस्था को बंद नहीं करने जा रहे हैं. हम मॉल बाजार बंद नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन उनमें संख्या कम करने की कोशिश कर रहे हैं. हमारा उद्देश्य किसी को परेशान करने की बजाय सुरक्षा देना है. कोरोना के नया स्ट्रेन युवा पीढ़ी को शिकार बना रहा है. यह पंजाब के ग्रामीण इलाकों में पैठ बना रहा है. अभी भी यह शहर में ज्यादा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह चिंताजनक तरीके से बढ़ रहा है.