केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने समय के चक्र को कई साल पहले पहुंचा दिया और लॉकडाउन ने दुर्गम बाधाएं एवं रूकावटें खड़ी कीं.उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाये हैं और अब टीकाकरण अभियान को भी वृहद स्तर पर शुरू करने जा रही है. उनके इस बयान से एक दिन पहले ही भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड' और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन' के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी थी.
चेन्नई के श्री रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च (एसआरआईएचईआर) के 32वें दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में, उन्होंने कहा कि महामारी पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल के लिए सरकारी क्षेत्र के योगदान को लोगों के सामने लायी. यह समारोह डिजिटल तरीके से हुआ. उन्होंने महामारी के कारण पैदा हुई रूकावटों को दूर करने के लिए एक मजबूत सामाजिक प्रतिबद्धता का भी आह्वान किया. उन्होंने माना कि कोविड-19 ने समय के चक्र को दशकों नहीं तो कई साल पहले पहुंचा दिया. उन्होंने कहा, ‘‘ इस जानलेवा वायरस ने दशकों के कठिन प्रयासों को पटरी से उतार दिया और वैज्ञानिक ध्यान दूसरी ओर मोड़ दिया.'' स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘ लॉकडाउन ने दुर्गम बाधाएं खड़ी कीं, आपूर्ति श्रृंखला बाधित की, विनिर्माण क्षमता की दिशा मोड़ दी और कई रूकावटें सामने ला दीं.''
हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘केंद्र ने (कोरोना वायरस) के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाये है. प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और सभी हितधारकों के साथ नियमित रूप से मुद्दों को समझने और प्रभावी कोविड प्रबंधन के लिए बातचीत की.'' उन्होंने कहा, ‘‘हाल की महामारी ने पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में सरकारी क्षेत्र के योगदान को प्रदर्शित किया है. केंद्र सरकार टीकाकरण अभियान को भी बड़े पैमाने पर शुरू करने जा रही है.'' उन्होंने कहा कि इस समय में रणनीतिक सोच, वैचारिक नेतृत्व और सामाजिक उद्यमिता की जरूरत के अलावा लोगों को एकजुट करने, आक्रामक अभियानों, मजबूत भागीदारी और गहरी प्रतिबद्धताओं की भी जरूरत है.
सरकार की पहलों को गिनाते हुए, मंत्री ने कहा कि टेलीमेडिसिन को दूर-दराज के क्षेत्रों में कोविड और गैर-कोविड स्वास्थ्य दोनों के लिए गुणवत्तापूर्ण उपचार की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया गया है. उन्होंने कहा कि वेब आधारित व्यापक टेलीमेडिसिन समाधान ई-संजीवनी का उपयोग 23 राज्यों में किया जा रहा है. हर्षवर्धन ने कहा कि देश के स्वास्थ्य में सुधार के लिए, उप स्वास्थ्य केंद्रों और ग्रामीण एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत करके 1.50 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को बनाने के लिए विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत' को शुरू किया गया.