समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav BJP Vaccine) के कोविड-19 की वैक्सीन को बीजेपी का टीका बताने पर सियासत गरमा गई है. BJP नेताओं ने तो इस मामले में भी यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को घेरा ही, नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी परोक्ष तौर पर उन्हें नसीहत दी है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Jammu-Kashmir Ex CM Omar abdullah) कहा कि कोरोना के टीकों का किसी राजनीतिक दल से नहीं बल्कि मानवता से रिश्ता है और वह खुशी खुशी ये टीका लगवाएंगे.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा, 'मैं किसी और के बारे में तो नहीं कह सकता, लेकिन जब मेरी बारी आएगी तो मैं खुशी-खुशी टीका लगवाउंगा.' नेकां उपाध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि जितने ज्यादा लोग टीका लगवाएंगे, देश और अर्थव्यवस्था के लिये उतना ही बेहतर होगा.उन्होंने ट्वीट किया कि कोई भी टीका किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं रखता. उनका संबंध मानवता से है. संवेदनशील लोगों को जितना जल्दी टीका लगाया जाए, उतना बेहतर होगा.'
अखिलेश यादव ने कहा था, "हम इस वैक्सीन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं, जो बीजेपी द्वारा टीकाकरण के लिए इस्तेमाल की जाएगी. हम बीजेपी की वैक्सीन नहीं लगवा सकते." अखिलेश ने यहां तक दावा किया कि 2022 में जब उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार आएगी तो लोगों का मुफ्त टीकाकरण कराया जाएगा. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Kesdhav Prasad Maurya) ने कहा, अखिलेश यादव को वैक्सीन पर विश्वास नहीं है और यूपी की जनता को उन पर यकीन नहीं है. देश के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का अपमान करने के लिए अखिलेश यादव को माफी मांगनी मानी चाहिए.