झारखंड लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के लिये कोरोना टेस्ट और एक हफ्ते का पृथकवास जरूरी, जानें नये नियम

पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति के चलते प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रमिकों की वापसी हो रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
रांची:

झारखंड (Jharkhand) में कोविड-19 (Covid-19) के तेजी से बढ़ते संक्रमण और देश के विभिन्न हिस्सों से प्रदेश में बड़ी संख्या में लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को रैपिड एंटीजन टेस्ट (Rapid Antigen Test) और एक सप्ताह के लिये पृथकवास (Isolated-Habitat) जरूरी कर दिया है. झारखंड (Jharkhand) के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह (Sukhdev Singh) की ओर से बुधवार को जारी अधिसूचना में बताया गया है कि पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति के चलते प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रमिकों की वापसी हो रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा है. इसमें कहा गया है कि इसे देखते हुये हुए राज्य सरकार ने प्रदेश आने वाले सभी प्रवासी श्रमिकों का कोरोना जांच करवाने का फैसला किया है.

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अधिसूचना में कहा गया है कि जिन श्रमिकों का रैपिड टेस्ट निगेटिव आयेगा उन सभी को उनके जिलों में बनाये गये सरकारी केन्द्रों पर सात दिनों के लिए पृथक—वास किया जायेगा. इसमें कहा गया है कि सात दिनों के बाद उनका एक बार फिर रैपिड कोविड टेस्ट किया जायेगा और रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें उनके गांव में जाने की अनुमति दी जायेगी. इसके अलावा जिन श्रमिकों का एक भी रैपिड कोविड टेस्ट पाजिटिव आयेगा उनका इलाज वगैरह स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देशों के अनुरूप कराया जायेगा जिसके बाद ही वह भी अपने गांव जा सकेंगे.

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 वहीं, देश में एक दिन में कोविड-19 से रिकॉर्ड 3,780 लोगों की मौत के बाद इस बीमारी से जान गंवाने वालों की संख्या 2,26,188 हो गई है जबकि एक दिन में संक्रमण के 3,82,315 नये मामले सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इन नये मामलों के बाद कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 2,06,65,148 हो गए हैं. लगातार बढ़ते मामलों के बाद देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 34,87,229 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.87 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 82.03 प्रतिशत दर्ज की गई है.

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सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 1,69,51,731 हो गई है जबकि बीमारी से मृत्यु दर घटकर 1.09 प्रतिशत हो गई है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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