भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के आने और उसके बाद कई जगहों पर लॉकडाउन लगाए जाने के साथ ही अप्रैल में नौकरियों की जानकारी संबंधी गतिविधि में तीन प्रतिशत की कमी आयी. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी.
मॉन्स्टर एम्प्लॉयमेंट इंडेक्स के मुताबिक रोजगार सूचकांक में मार्च की तुलना में नौकरियां की सूचना डालने (पोस्टिंग) की गतिविधि में तीन प्रतिशत की कमी देखी गयी.
अप्रैल 2020 की तुलना में अप्रैल 2021 में सालाना स्तर पर नौकरियों की कुल पोस्टिंग में भी चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी. मॉन्स्टर एम्प्लॉयमेंट, इंडेक्स मॉन्स्टर इंडिया द्वारा नौकरियों के बारे में ऑनलाइन सूचना डाले जाने को लेकर किया गया एक व्यापक विश्लेषण है. इसमें कहा गया कि नौकरियों की कुल पोस्टिंग में कमी के बावजूद कुछ शहरों में कुछ उद्योगों के लिहाज से स्थिति अलग थी.
चेन्नई और हैदराबाद में विज्ञापन, बाजार अनुसंधान, जन संपर्क जैसे क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से ज्यादा सालाना वृद्धि दर्ज की गयी. कोलकाता में बैंकिंग या वित्तीय सेवाओं, बीमा क्षेत्रों में मार्च की तुलना में अप्रैल में 26 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी, हालांकि कुल नौकरियों की पोस्टिंग में वृद्धि स्थिर रही. बेंगलुरू (28 प्रतिशत), हैदराबाद (23 प्रतिशत) और चेन्नई (16 प्रतिशत) में नियुक्ति की सालाना गतिविधि से अप्रैल में नौकरियों की सूचना में मजबूत तेजी का पता चलता है.
सालाना संख्या को लेकर स्थिति अब भी सकारात्मक है क्योंकि अप्रैल 2020 भी कोविड-19 की वजह से प्रभावित हुआ था. मॉन्स्टरडॉटकॉम के सीईओ शेखर गरिसा ने कहा, "महामारी की दूसरी लहर और देश भर में अलग-अलग स्तर के लॉकडाउन से नियुक्ति की गतिविधियों पर असर पड़ा है. हालांकि बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे कुछ शहरों में नियुक्ति संबंधी गतिविधियों में सकारात्मक वृद्धि देखी गयी है और कुछ क्षेत्रों एवं कामों में सालाना वृद्धि दर्ज की गयी है."
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