राजस्थान में सोमवार शाम तक पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमित 157 और लोगों की मौत हो गई जबकि 11,597 नए मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई. हालांकि इसी दौरान 29,459 मरीजों के ठीक होने से राज्य में कुल उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कमी आयी है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार शाम जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमित 157 और लोगों की मौत होने के कारण राज्य में अब तक इस घातक वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 6,934 हो गई है.
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आंकड़ों के अनुसार वहीं राज्य में अभी 1,76,363 कोरोना संक्रमित मरीज उपचाराधीन हैं जबकि रविवार को यह संख्या 1,94,382 थी. रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 11,597 नए मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. सबसे ज्यादा राजधानी जयपुर में 2023 नए मरीज मिले है इसके अलावा अलवर में 1104, जोधपुर में 954, कोटा में 525, उदयपुर में 510, गंगानगर में 450, बीकानेर में 410, भरतपुर में 409 नये संक्रमित मरीज पाये गये है. आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटों में राज्य में इस दौरान 29,459 और मरीज ठीक हुए है.
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गांवों में संक्रमण के तेजी से प्रसार को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार उपचार की पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रही है.उन्होंने निर्देश दिए कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) तक कोविड उपचार की माकूल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 25 हजार नर्सिंगकर्मियों तथा एक हजार चिकित्सा अधिकारियों की अस्थायी आधार पर तत्काल सेवाएं ली जाएं. उन्होंने आगामी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ब्लाक स्तर पर कोविड-19 परामर्श एवं कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र के रूप में विकसित सीएचसी में आईसीयू एवं हाई फ्लो ऑक्सीजन के 10 बिस्तरके साथ ही इनमें शिशु गहन चिकित्सा इकाई की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.
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गहलोत रविवार रात को कोविड संक्रमण, लाकडॉउन तथा संसाधनों की उपलब्धता सहित अन्य संबंधित विषयों पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोगियों को स्थानीय स्तर पर ही ऑक्सीजन की सुविधा मिल सके इसके लिए प्रत्येक पीएचसी पर पांच तथा सीएचसी पर 10 आक्सीजन सांद्रक उपलब्ध कराए जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पूरा जोर इस बात पर होना चाहिए कि कैसे हम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करें.
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