PM मोदी की डिग्री पर विवाद: SC ने आप नेताओं के खिलाफ मानहानि मामले में सुनवाई पर रोक लगाई

शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय से कहा कि वह आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं की ओर से निचली अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय ले. पीठ ने कहा कि इस बीच निचली अदालत के समक्ष सुनवाई पर रोक रहेगी.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित टिप्पणियों के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर मानहानि की शिकायत पर निचली अदालत के समक्ष सुनवाई पर रोक लगा दी.

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. याचिका में राज्यसभा सदस्य सिंह ने गुजरात की एक निचली अदालत के समक्ष लंबित मामले को राज्य के बाहर और विशेष रूप से कोलकाता में स्थानांतरित करने की मांग की थी.

शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय से कहा कि वह आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं की ओर से निचली अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय ले. पीठ ने कहा कि इस बीच निचली अदालत के समक्ष सुनवाई पर रोक रहेगी.

सिंह ने वकील करण शर्मा के माध्यम से न्यायालय में दायर अपनी याचिका में निचली अदालत के समक्ष सुनवाई में पक्षपात का आरोप लगाया था और कहा था कि जब याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित थी, तो निचली अदालत के न्यायाधीश मामले में आगे की सुनवाई कर रहे थे.

पिछले साल अगस्त में शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाने के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था.

गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत मोदी की शैक्षणिक डिग्रियों के बारे में जानकारी प्रदान करने के मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द करने के बाद गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने केजरीवाल और सिंह के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणियों को लेकर मानहानि का मामला दायर किया था.

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उच्च न्यायालय ने पिछले साल 11 अगस्त को केजरीवाल और सिंह की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया था.

गुजरात की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने पहले केजरीवाल और सिंह को मोदी की शैक्षणिक डिग्रियों के संबंध में उनकी कथित “व्यंग्यात्मक” और “अपमानजनक” टिप्पणियों के लिये मानहानि मामले में तलब किया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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