मूर्तियों को अपवित्र करने से आंध्र प्रदेश में विवाद

विजयनगरम जिले के प्रसिद्ध रामतीर्थम पहाड़ी मंदिर में 28 दिसंबर की रात भगवान राम की मूर्ति को विरूपित किया गया. इसके दो दिनों बाद राजामहेंद्रवरम में एक मंदिर में सुब्रह्मणेश्वर स्वामी की मूर्ति के हाथ और पैर टूटे हुए पाए गए.

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वाईएसआर कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष एवं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी (फाइल फोटो)
अमरावती:

आंध्र प्रदेश में कुछ मंदिरों में मूर्तियों को अपवित्र करने की घटना से राज्य में राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ है. कुछ विपक्षी दलों ने वाई एस जगनमोहन रेड्डी सरकार पर बरसते हुए उसे इन हमलों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है. इस पर पलटवार करते हुए सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं ने तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू पर सरकार के खिलाफ द्वेष फैलाने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है. विजयनगरम जिले के प्रसिद्ध रामतीर्थम पहाड़ी मंदिर में 28 दिसंबर की रात भगवान राम की मूर्ति को विरूपित किया गया. इसके दो दिनों बाद राजामहेंद्रवरम में एक मंदिर में सुब्रह्मणेश्वर स्वामी की मूर्ति के हाथ और पैर टूटे हुए पाए गए.

इन दो घटनाओं से राज्य में विवाद पैदा हो गया और विपक्षी दलों ने मंदिरों की रक्षा करने में विफल रहने के लिए सरकार पर प्रहार किया. विपक्ष के कुछ नेताओं ने दावा किया कि जगन के मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य के विभिन्न मंदिरों में तोड़फोड़ और मूर्तियों को विरूपित करने की 125 से अधिक घटनाएं हुई हैं. चंद्रबाबू ने शनिवार को रामतीर्थम का दौरा किया और सरकार से मंदिर में तोड़फोड़ की सीबीआई जांच कराने की मांग की. उन्होंने धर्म परिवर्तन का आरोप भी लगाया. सत्तारूढ़ दल के राज्यसभा के सदस्य वी.विजय साई रेड्डी ने भी मंदिर का दौरा किया जबकि भाजपा के विधान परिषद् के सदस्य वी एन माधव ने एक अन्य समूह के साथ घटनास्थल पर जाकर जांच की.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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