ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर सिलिव सर्विस में अपने सिलेक्शन में हुई खामियों को लेकर विवादों में आई थीं और उन्हें 23 जुलाई को उत्तराखंड के मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में रिपोर्ट करना था लेकिन वह वहां भी नहीं पहुंची. जानकारी के मुताबिक पूजा पिछले 5 दिनों से लापता है.
पूजा खेडकर पर सिविल सर्विस के लिए अपने आवेदन में "गलत जानकारी देने और झूठे तथ्य पेश करने" के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि 34 वर्षीय खेडकर ने अखिल भारतीय परीक्षा में बैठने के लिए कई बार अपनी पहचान में हेराफेरी की. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने उनका चयन रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उन्हें दोबारा परीक्षा देने से भी रोका जा सकता है. दिल्ली पुलिस ने अब युवा अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच जारी है.
दिल्ली पुलिस ने कहा, "यूपीएससी ने दिल्ली पुलिस में पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के खिलाफ यूपीएससी परीक्षा में निर्धारित सीमा से अधिक अतिरिक्त प्रयास प्राप्त करने के लिए गलत तथ्य प्रस्तुत करने और झूठे तथ्य पेश करने की शिकायत दर्ज कराई है. इस वजह से कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और अपराध शाखा को जांच सौंपी गई है."
16 जुलाई को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी (एलबीएसएनएए) - आईएएस अधिकारियों के लिए सर्वोच्च प्रशिक्षण संस्थान - ने पूजा खेडकर के खिलाफ गंभीर आरोपों के बाद उनके प्रशिक्षण को रोक दिया है. उन्हें 23 जुलाई यानी कल तक एकेडमी में वापस रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया था पर वह एकेडमी नहीं पहुंची.
क्यों विवादों में आई थीं ट्रेनी आईएएस ऑफिसर
खेडकर तब सुर्खियों में आईं जब पुणे के कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे ने महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को पत्र लिखकर युवा अधिकारी की कई मांगों को चिन्हित किया था. वह अपनी दो साल की ट्रेनिंग के दौरान इन मांगों की हकदार नहीं हैं. खेडकर ने कथित तौर पर एक कार्यालय, स्टाफ और एक सरकारी वाहन जैसे भत्ते मांगे थे. यह भी पाया गया कि उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार में महाराष्ट्र सरकार का टैग और लाल-नीली बत्ती का इस्तेमाल किया था. इसके बाद पूजा खेडकर को पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था.