दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण 3 महीने में पूरा हो जाएगा: गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पीएम मोदी सरकार वायु प्रदूषण को कम करने, जीवाश्म ईंधन (कोयला, कच्चा तेल) के आयात को कम करने और कृषि आय बढ़ाने के लिए काम कर रही है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय 36 हरित एक्सप्रेस हाईवे पर काम कर रहा है.
नई दिल्ली:

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का निर्माण अगले तीन महीनों में पूरा हो जाएगा. इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर दो घंटे रह जाने की उम्मीद है, जो फिलहाल पांच से छह घंटे है. गडकरी ने ‘टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव-2024' को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण दो महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है. एक्सप्रेस-वे के पूरा होने से दोनों महानगरों के बीच यात्रा का समय मौजूदा 24 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाने की उम्मीद है.

15-20 दिनों में होगा उद्घाटन

मंत्री ने कहा कि दिल्ली-देहरादून राजमार्ग परियोजना के दो पैकेज हैं. गडकरी ने कहा, “दिल्ली के कालिंदी कुंज के लिए 10,000 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है, जो फरीदाबाद तक विस्तारित होगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले 15-20 दिनों के भीतर इस परियोजना का उद्घाटन करने वाले हैं.”

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार वायु प्रदूषण को कम करने, जीवाश्म ईंधन (कोयला, कच्चा तेल) के आयात को कम करने और कृषि आय बढ़ाने के लिए काम कर रही है. गडकरी ने कहा, “परिवहन मंत्रालय वायु प्रदूषण के 40 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है... जबकि प्रदूषण का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्यों- पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण है. सड़क निर्माण और जीवाश्म ईंधन भी वार्षिक समस्या को बढ़ाने में योगदान देते हैं.”

Advertisement

400 परियोजनाओं पर हो रहा है काम

मंत्री ने कहा कि पराली जलाने की समस्या दो साल में हल हो जाएगी क्योंकि सरकार 400 परियोजनाओं पर काम कर रही है जो हर साल दो करोड़ टन चावल के भूसे को वैकल्पिक ईंधन में परिवर्तित करेगी. गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय 36 हरित एक्सप्रेस हाईवे पर काम कर रहा है, जिससे देश में लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी.

Advertisement

उन्होंने कहा, “भारत की लॉजिस्टिक लागत 14-16 प्रतिशत है, जबकि चीन में यह आठ प्रतिशत और अमेरिका तथा यूरोपीय संघ (ईयू) में 12 प्रतिशत है. हमारा लक्ष्य इसे दो वर्षों में घटाकर नौ प्रतिशत पर लाना है.” मंत्री ने कहा कि इससे भारत का निर्यात 1.5 गुना बढ़ जाएगा और हमें अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी.

Advertisement

ये भी पढ़ें- आखिरी मुगल बादशाह के पड़पोते की विधवा पहुंची कोर्ट, बोलीं- 'वापस चाहिए लाल किला', जानें कोर्ट ने क्या कहा

Advertisement

Featured Video Of The Day
Ayodhya Ram Mandir: राम दरबार की Pran Pratishtha के लिए कैसी है तैयारियां? अयोध्या से रिपोर्ट