वैक्सीन बर्बादी पर सोनिया गांधी ने जताई चिंता, पार्टी महासचिवों को पढ़ाया केंद्र के खिलाफ 4 सूत्री पाठ

महामारी के दौर में पार्टी नेताओं की वर्चुअल मीटिंग को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने महंगाई, तेल के रोज बढ़ते दाम, बेरोजगारी और सुस्त अर्थव्यवस्था पर भी चिंता जताई और इन मोर्चों पर नाकाम रहने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है.

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सोनिया ने कहा कि महंगाई और तेल के बढ़ते दामों की वजह से देश के किसान समेत आम आदमी परेशान है.
नई दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पार्टी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की बैठक में देश में कोविड टीका (Covid-19 Vaccine) की बर्बादी पर चिंता जताई है और कहा है कि इसे कम से कम किया जाना चाहिए. उन्होंने जल्द से जल्द लोगों का टीकाकरण करने पर भी जोर दिया है. उन्होंने कहा है कि इस साल के अंत तक देश के 75 फीसदी लोगों का टीकाकरण हो जाना चाहिए. उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वैक्सीन को लेकर झिझक न पालें.

महामारी के दौर में पार्टी नेताओं की वर्चुअल मीटिंग को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने महंगाई, तेल के रोज बढ़ते दाम, बेरोजगारी और सुस्त अर्थव्यवस्था पर भी चिंता जताई और इन मोर्चों पर नाकाम रहने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है.

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सोनिया ने कहा कि महंगाई और तेल के बढ़ते दामों की वजह से देश के किसान समेत आम आदमी परेशान है. उन्होंने कहा कि तेल के दामों में बढ़ोत्तरी और दाल समेत अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में ऐसे वक्त इजाफा हो रहा है जब लोगों के सामने आजीविका और नौकरी का संकट है. कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं से इस मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों की खुलकार आलोचना करने का आह्वान किया है.

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उन्होंने कहा, "ईंधन की बढ़ती कीमतों से हो रहे असहनीय बोझ से आप सभी वाकिफ हैं. किसानों और लाखों परिवारों को किस तरह से नुकसान हो रहा है, इसे उजागर करने के लिए आंदोलन किए गए हैं लेकिन ईंधन के अलावा, कई अन्य आवश्यक वस्तुओं जैसे दालों और खाद्य तेलों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं, जिससे व्यापक संकट पैदा हो गया है. यह मूल्य वृद्धि ऐसे समय में हो रही है जब अभूतपूर्व संख्या में आजीविका का नुकसान हो रहा है और बेरोजगारी बढ़ रही है. सरकार द्वारा आर्थिक सुधार  वास्तविकता नहीं रही."

सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं से कोविड महामारी के प्रभाव पर सुझाव भी मांगे हैं. उन्होंने कहा, "अब मैं आपसे विशेष रूप से यह जानना चाहूंगी कि एक पार्टी संगठन के रूप में हमें और क्या-क्या कार्य करने चाहिए. शायद हम 13 जून के नवीनतम परिपत्र को अपनी चर्चा का आधार बना सकते हैं, क्योंकि यह कोविड -19 महामारी और इसके प्रभावों के संदर्भ में आम लोगों तक पहुंचने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना की परिकल्पना करता है."

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