- सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली-NcR में वायु प्रदूषण को जानलेवा बताते हुए संसद में चर्चा की मांग की
- हुड्डा ने सभी मुख्यमंत्रियों को बुलाकर प्रदूषण से निपटने के लिए एक समग्र परियोजना लागू करने का प्रस्ताव रखा
- दिल्ली में सर्दियों में प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाता है, जिससे सांस लेने में गंभीर समस्या उत्पन्न होती है
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी के 'भौं-भौं' वाले बयान के साथ-साथ कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी चर्चा में रहे. दिल्ली के जहरीले वायु प्रदूषण के खिलाफ विरोध जताने के लिए आज दीपेंद्र सिंह हुड्डा संसद परिसर में गैस मास्क पहनकर पहुंचे. दीपेंद्र सिहं हुड्डा से जब गैस मास्क को लेकर सवाल किये गए, तो उन्होंने कहा कि हरियाणा और दिल्ली में लोग सांस नहीं ले पा रहे हैं. इसे लेकर संसद में चर्चा होनी चाहिए.
फरवरी आते-आते लोग वायु प्रदूषण भूल जाते हैं!
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, 'वायु प्रदूषण जानलेवा हो चुका है. वायु प्रदूषण पर मैंने कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है. सभी मुख्यमंत्रियों को बुलाकर वायु प्रदूषण से छुटकारा पाने के लिए एक परियोजना देश के सामने रखी जाए. हरियाणा और दिल्ली में लोग सांस नहीं ले पा रहे. ये हर साल की स्थिति हो गई है. नवंबर आते-आते दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की समस्या शुरू हो जाती है. तब सभी इसे लेकर चिंता व्यक्त करते हैं, लेकिन फरवरी आते-आते इसे भूल जाते हैं. हमें इस मुद्दे को गंभीतर से लेना चाहिए और इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए.'
बता दें कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार सुबह 6 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई लेवल 377 दर्ज किया गया. ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन की समस्या देखने को मिल रही है. आनंद विहार, बवाना, चांदनी चौक जहांगीर पुरी, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम और नेहरू नगर में एक्यूआई लेवल 400 के पार है.
दिल्ली की हवा में घुला जहर कम कब होगा. इस सवाल का जवाब इस समय शायद किसी के पास नहीं है. शायद इसीलिए डॉक्टरों ने साफ कह दिया है कि बच्चों की सेहत ठीक रखना चाहते हैं, तो कुछ दिनों के लिए दिल्ली छोड़ दीजिए.













