देश का नाम "इंडिया" से "भारत" करने की सुगबुगाहट के बीच विपक्षी खेमे में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. सोनिया गांधी के घर पर कांग्रेस के संसदीय नेताओं की बैठक चल रही है. इसके बाद पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के नेताओं की बैठक होगी. मंगलवार सुबह इस खबर के साथ चर्चा तेज हो गई कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जी-20 नेताओं के निमंत्रण में उन्हें पारंपरिक "प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया" की जगह "प्रेसिडेंट ऑफ भारत" के रूप में पेश किया गया है.
विदेशी प्रतिनिधियों को जो जी-20 बुकलेट दी गई है, उसका शीर्षक "भारत, लोकतंत्र की जननी" रखा गया है. इसमें उल्लेख है कि, "भारत देश का आधिकारिक नाम है. इसका उल्लेख संविधान और 1946-48 की चर्चाओं में भी किया गया है."
संसद के 18 सितंबर से शुरू होने वाले पांच दिवसीय विशेष सत्र से पहले सरकार की ओर से कोई एजेंडा नहीं दिया गया है, इसने अटकलों को तेज कर दिया है और 'इंडिया बनाम भारत' की बहस फिर से शुरू हो गई है. बहुत से भाजपा नेताओं और अमिताभ बच्चन, वीरेंद्र सहवाग जैसी कई मशहूर हस्तियों ने सोशल मीडिया पर "भारत" की सराहना की है.
इसने विपक्ष के आक्रोश को भड़का दिया है, जिसने इसे अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले 'इंडिया' गठबंधन को लेकर सरकार की बिना सोच-समझ कर की गई प्रतिक्रिया बताया है. कई नेताओं ने ऐलान किया है कि बीजेपी को देश का नाम बदलने का जनादेश नहीं मिला है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया, "अगर 'इंडिया' गठबंधन अपना नाम बदलकर 'भारत' कर लेता है तो क्या बीजेपी 'भारत' की जगह कुछ और कर देगी?"
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनजी ने कहा, "अचानक ऐसा क्या हो गया कि आप देश का नाम बदल देंगे?" उन्होंने कहा कि हिंदी में "भारत का संविधान" शब्द का प्रयोग किया जाता है, "दुनिया हमें इंडिया के नाम से जानती है".
कांग्रेस के जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, "मोदी इतिहास को विकृत करना जारी रख सकते हैं और भारत को विभाजित कर सकते हैं, जो कि भारत है, जो राज्यों का संघ है, लेकिन हम डरेंगे नहीं. आखिरकार INDIA पार्टियों का उद्देश्य क्या है? यह भारत है- Bring Harmony, Amity, Reconciliation And Trust (सद्भाव, सौहार्द, मेल-मिलाप और विश्वास). जुड़ेगा भारत जीतेगा भारत!"
यह बदलाव भाजपा के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने जोर दिया था था कि देश को अब भारत कहा जाएगा. "कभी-कभी हम अंग्रेजी बोलने वालों को समझाने के लिए इंडिया का इस्तेमाल करते हैं. देश का नाम भारत है, दुनिया में आप कहीं भी चले जाएं भारत ही रहेगा."
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