Budget session of Parliament: संसद का बजट सत्र (Budget session) 29 जनवरी से प्रारंभ होने जा रहा है और दो हिस्सों में चलेगा. बजट सत्र के दौरान 1 फरवरी को आम बजट वित्त वर्ष 2021-22) पेश किया जाएगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) बजट पेश करेंगी. बजट के लिए कांग्रेस पार्टी (Congress) ने 10 सुझाव पेश किए हैं. पार्टी की ओर से कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट को रोकने एवं सुधार को गति देने के लिए अनेक अर्थशास्त्री सुझाव दे चुके हैं, जिनमें से कुछ अर्थशास्त्री पहले मोदी सरकार (Narendra Modi Government) का समर्थन कर चुके हैं. हमारा मानना है कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए ये उपाय किए जाने चाहिए . कांग्रेस की ओर से कहगा गया है कि इस सरकार से हमें कोई अपेक्षा नहीं है. हमारी कोशिश है कि आज हम गलत नीतियों, अक्षम आर्थिक प्रबंधन एवं हाथ से जाते अवसरों को आपके सामने रखें.और सौभाग्यवश अगर हमारे किसी सुझाव को सरकार मान भी लेती है (जिसका श्रेय हम नहीं चाहते) तो हमें भारत के नागरिकों के लिए खुशी व राहत महसूस होगी.
- देर से ही सही, अर्थव्यवस्था को बड़ा वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाए. इस तरह के प्रोत्साहन से लोगों के हाथों में पैसा जाएगा और मांग बढ़ेगी.
- अर्थव्यवस्था में सबसे नीचे स्थित 20 से 30 प्रतिशत परिवारों के हाथों में कम से कम छह माह तक सीधे पैसा जाए.
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को पुर्नजीवित करने की योजना बनाकर लागू की जाए ताकि बंद हो चुकी यूनिट पुनः खुल सकें औरखत्म हो चुकी नौकरियां फिर से शुरू हों. साथ ही जिन लोगों के पास औसत शिक्षा व कौशल है, उनके लिए नई नौकरियाँ उत्पन्न हो सकें.
- टैक्स दरों, खासकर GST एवं अन्य अप्रत्यक्ष टैक्स दरों (यानी पेट्रोल व डीज़ल के टैक्स दरों) में कटौती की जाए.
- सरकारी पूंजीगत व्यय को बढ़ाया जाए.
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पैसा पहुंचाया जाए और उन्हें हर लोन पर जाँच एजेंसियों की निगरानी के भय के बिना कर्ज देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.
- संरक्षणवादी नीतियों को खत्म किया जाए, दुनिया के साथ फिर से जुड़ें, ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते हों एवं आयात के खिलाफ पूर्वाग्रह का त्याग किया जाए.
- दूरसंचार, बिजली, खनन, निर्माण, विमानन एवं पर्यटन व आतिथ्य के लिए सेक्टर विशेष पुनरोद्धार पैकेज बनाए जाएं.
- टैक्स कानूनों में किए गए संशोधनों की समीक्षा कर उन संशोधनों को रद्द करें, जिन्हें व्यापक रूप से टैक्स टेररिज़्म माना गया है.
- आरबीआई, सेबी, ट्राई, सीईआरसी एवं अन्य रेगुलेटरी एजेंसियों द्वारा बनाए गए उन नियमों की विस्तृत व समय सीमा में समीक्षा की जाए, जिन्हें व्यापक रूप से अति-नियमन के रूप में देखा गया