राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)ने पार्टी से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के कांग्रेस आलाकमान पर लगाए गए आरोपों को लेकर शुक्रवार को कहा कि जिनकी देश में पहचान ही कांग्रेस के कारण हो, उनके द्वारा ऐसी बातें करना ठीक नहीं है.गहलोत ने कहा कि जिस व्यक्ति (आजाद) को पार्टी ने 42 वर्षों तक कभी बगैर पद के नहीं रखा, वह कांग्रेस के बारे में ऐसी बातें कहेंगे, इसकी उम्मीद देश में किसी को नहीं थी. आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया तथा नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर ‘धोखा' करने का आरोप लगाया. इस बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आजाद साहब जैसे व्यक्ति को कांग्रेस ने सब कुछ दिया. आज देश में उनकी पहचान कांग्रेस के कारण है. उनकी पहचान इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिंह राव और सोनिया गांधी के कारण है. उन्होंने जिस प्रकार से यह भावना प्रकट की है, मैं समझता हूं कि उसे उचित नहीं कहा जा सकता.''
पार्टी में लगभग चार दशक से आजाद के साथ काम करने वाले गहलोत ने कहा, ‘‘अभी तो मैं खुद सदमे में हूं. एक ऐसा नेता जिन्हें 42 वर्षों में सब कुछ मिला और इन वर्षों के दौरान वह कभी भी बगैर पद के नहीं रहे.'' कांग्रेस के दिवंगत नेता इंदिरा गांधी और संजय गांधी के श्रीनगर में गुलाम नबी आजाद की शादी में शामिल होने का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि वे चाहते थे कि यह नौजवान (आजाद) आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि इसके बाद पार्टी ने उन्हें (आजाद) संगठन में विभिन्न पदों से लेकर जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री, सांसद और राज्यसभा सदस्य बनाया. गहलोत ने कहा, ‘‘उन्हें (आजाद) अवसर देने में कांग्रेस आलाकमान ने कभी कोई कमी नहीं रखी. आज जो कुछ भी हमारी पहचान देश में है, वह कांग्रेस और आलाकमान के विश्वास के कारण है. जिन्हें 42 साल तक पार्टी ने इतने पदों पर रखा हो, देश में कोई उम्मीद नहीं करता था कि आजाद साहब अब इस प्रकार का पत्र लिख देंगे.''इसके साथ ही उन्होंने आजाद द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चिकित्सकीय इलाज के लिए अमेरिका में होने के समय अपना इस्तीफे का पत्र सार्वजनिक करने को लेकर भी सवाल उठाया और इसे आजाद की असंवदेनशीलता बताया.
गहलोत ने कहा, ‘‘हमारी नेता (सोनिया गांधी) केवल कांग्रेस को बिखरने से बचाने के लिए हमारे दबाव के कारण राजनीति में आईं थी और वह स्वास्थ्य जांच के लिए अमेरिका गई हैं तो आप ऐसे समय पत्र साझा कर रहे हैं. मैं समझता हूं कि यह संवेदनशीलता के खिलाफ है.''कांग्रेस आलाकमान के ‘चापलूसों' के घिरने के कथित आरोप पर गहलोत ने कहा, ‘‘आज जो दूसरों को ‘चापलूस' कहते हैं, उस वक्त गुलाम नबी आजाद से लेकर जो भी नेता संजय गांधी के साथ थे, वे चापलूस ही माने जाते थे. लेकिन संजय गांधी ने इसकी परवाह नहीं की. तब जाकर आजाद साहब इतने बड़े नेता बने. अगर संजय गांधी दबाव में आकर उन्हें हटा देते, जैसी उम्मीद वह आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से कर रहे हैं तो आज इस देश में गुलाम नबी आजाद या अन्य नेता जो भी हों, उनका नाम कोई भी नहीं जानता.''
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