हरियाणा में हार के बाद भी दूर नहीं हुई कांग्रेस की गुटबाजी, हुड्डा की बैठक में नहीं पहुंचे ये विधायक

विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भी हरियाणा के कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस के नेता अब वहां नेता विपक्ष के लिए गुटबाजी कर रहे हैं. हरियाणा कांग्रेस के धड़े अपने-अपने विधायक को इस पद पर बिठाना चाहते हैं.

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नई दिल्ली:

विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भी हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी रुकने का नाम नहीं ले रही है.कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पद को लेकर गुटबाजी की.अब कांग्रेस में विधायक दल के नेता पद के लिए गुटबाजी चरम पर है. इस बार भी हरियाणा कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा गुट इसको लेकर आमने-सामने है.कांग्रेस में गुटबाजी गुरुवार को उस समय खुलकर सामने आई जब हुड्डा ने अपने दिल्ली स्थित आवास पर कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई. इसमें शैलजा गुट के विधायक नहीं पहुंचे. हालांकि यह कांग्रेस की आधिकारिक बैठक नहीं थी.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहां बुलाई थी बैठक

हुड्डा के आवास पर आयोजित बैठक में कांग्रेस के 37 में से 31 विधायक शामिल हुए.हुड्डा ने यह बैठक कांग्रेस विधायकों की बैठक से दो दिन पहले ही बुलाई थी.कांग्रेस विधायक दल की बैठक में ही नेता विधायक दल या नेता विपक्ष का चुनाव होना है.इसमें हुड्डा के विरोधी गुट के पांच विधायक शामिल नहीं हुए. इनमें पहली बार विधायक बने रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला भी शामिल हैं.हुड्डा के घर पर हुई बैठक में शामिल न होने वालों में चंद्र मोहन भी शामिल थे. उनके अलावा शैली चौधरी,अकरम खान और रेणु बाला भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

हरियाणा में क्यों हारी कांग्रेस

दरअसल हरियाणा में बीजेपी की जीत के पीछे गैर जाट वोटों के ध्रुवीकरण की बात सामने आ रही है. विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस ने जाट बिरादरी के भरोसे चुनाव लड़ा. लेकिन उसकी यह गलती उसे भारी पड़ गई. इसके विरोध में गैर जाट जातियों ने एकजुट होकर बीजेपी को वोट कर दिया. कांग्रेस ने जिन 89 सीटों पर चुनाव लड़ा उनमें करीब 75 पर टिकट भूपेंद्र सिंह हुड्डा या उनके सांसद बेटे दिपेंद्र हुड्डा की सिफारिश पर दिए गए थे. इसलिए कांग्रेस में हुड्डा विरोधी नेता इस हार के लिए हुड्डा को ही जिम्मेदार मान रहे हैं. अब ये नेता कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव डाल रहे हैं कि नेता विरोधी दल का पद इस बार किसी गैर जाट को दिया जाए.हुड्डा विरोधी दल ने इस पद के लिए पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन का नाम आगे बढ़ा रहा है.वो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे हैं. वो बिश्नोई समाज से आते हैं.वहीं हुड्डा भी किसी गैर जाट को ही नेता विपक्ष बनवाना चाहते हैं, लेकिन वो अपने समर्थक विधायकों में से ही किसी को इस पद पर बैठाना चाहते हैं. 

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कब बनेगी कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग टीम

कांग्रेस ने हरियाणा में हार के बाद कारणों की समीक्षा के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग टीम बनाने का ऐलान किया था. लेकिन अभी तक इस टीम का गठन नहीं हो पाया है.यहां भी गुटबाजी की बात सामने आ रही है. कांग्रेस हाईकमान ऐसे वरिष्ठ नेताओं को कमेटी में शामिल करना चाहता है, जो किसी के प्रभाव में आए बिना पड़ताल कर रिपोर्ट तैयार करें.इस कमेटी के प्रमुख के लिए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम सामने आ रहा है. यह कमेटी पूरे हरियाणा का दौरा करेगी. कमेटी कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलकर यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि हार के कारण क्या थे. इसके लिए कमेटी के गठन तक का इंतजार करना होगा.

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