15 साल वहीं बैठना पड़ेगा, आपकी दाल नहीं गलेगी... इस्तीफा मांगने पर अमित शाह का खरगे को जवाब

कांग्रेस और खरगे की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने आंबेडकर विवाद पर अपनी बात रखी. गृहमंत्री ने कहा कि वो सपने में भी बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान नहीं कर सकते.

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नई दिल्ली:

संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर दिए गए गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर कांग्रेस हंगामा कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को अमित शाह के बयान पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से गृहमंत्री अमित शाह को रात 12 बजे से पहले बर्खास्त कर करने की अपील की है. इसपर अमित शाह ने खरगे को जवाब दिया है. गृहमंत्री ने कहा, "खरगेजी इस्तीफा मांग रहे हैं, उन्हें आनंद हो रहा है तो शायद मैं दे भी दूं. पर उससे उनका काम नहीं बनना है. अभी 15 साल तक उन्हें जहां हैं, वहीं बैठना है, मेरे इस्तीफे से उनकी दाल नहीं गलने वाली."

कांग्रेस और खरगे की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने आंबेडकर विवाद पर अपनी बात रखी. गृहमंत्री ने कहा कि वो सपने में भी बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान नहीं कर सकते. अमित शाह ने कहा, "कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को अपनाकर, बातों को तोड़-मरोड़कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रांति फैलाने का एक कुत्सित प्रयास किया है. संसद में चर्चा के दौरान ये सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब आंबेडकर का कांग्रेस ने किस तरह से पुरजोर विरोध किया था."

अमित शाह के किस बयान पर मचा विवाद?
गृहमंत्री शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था , "अभी एक फैशन हो गया है. आंबेडकर, आंबेडकर... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता." कांग्रेस ने इसे आंबेडकर का अपमान बताया है.

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खरगे ने और क्या-क्या कहा?
-खरगे ने कहा, "BJP-RSS और उनके राजनीतिक पूर्वजों ने कभी संविधान को सम्मान नहीं दिया. इनके राजनीतिक पूर्वजों ने कभी संविधान को स्वीकार नहीं किया, उसकी प्रतियां जलाईं. इन लोगों ने तिरंगे को भी नहीं अपनाया."

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-उन्होंने कहा, "BJP वालों का कहना था कि संविधान में मनुस्मृति की बातें नहीं हैं, इसलिए इसे नहीं मानेंगे. इसके विरोध में उन लोगों ने नेहरू और आंबेडकर जी का पुतला भी जलाया. अगर BJP और उनके नेताओं के मन में अंबेडकर जी के लिए श्रद्धा होती तो वे कभी ऐसी बातें नहीं बोलते."

-खरगे ने कहा, "मुझे ताज्जुब है कि जब कोई व्यक्ति बाबासाहेब के बारे में टीवी पर ऐसी अपमानजनक बातें बोल रहा है, तो उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलाकार टोका तक नहीं. इसके विपरीत गृह मंत्री को समर्थन देने के लिए उन्होंने 6 ट्वीट कर दिए. जबकि अंबेडकर जी के लिए ऐसी अपमानजनक बात करने वाले व्यक्ति को कैबिनेट से निकाल देना चाहिए था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों गहरे दोस्त हैं, इसलिए दोनों एक दूसरे के पाप को छिपाते हैं. 

खरगे ने रखीं ये मांगें
-अगर कोई व्यक्ति संविधान की शपथ लेकर मंत्री बनता है और फिर संविधान का अपमान करता है, तो उसे कैबिनेट में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
-गृहमंत्री अमित शाह को फौरन कैबिनेट से बर्खास्त किया जाना चाहिए. 
-अगर इस्तीफ़ा नहीं होगा तो पूरे देश में विरोध प्रदर्शन होंगे.

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अमित शाह ने कांग्रेस पर लगाए कौन-कौन से आरोप?
-अमित शाह ने कहा कि कल से कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा है. ये निंदनीय है. ये क्यों हुआ. कल से कांग्रेस ने फिर पुरानी परंपरा को अपनाते हुए सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रम फैलाने का काम किया. कांग्रेस ने नारी सम्मान को भी सालों दरकिनार किया, न्यायपालिका का अपमान किया, शहीदों का अपमान किया, भारत की भूमि को संविधान तोड़कर विदेशी ताकतों को देने की हिमाकत की.

-शाह ने कहा कि कांग्रेस ने खुद ही अपने आपको भारत रत्न दिया, नेहरू ने 1955 में, इंदिरा ने 1971 में खुद को भारत रत्न दिया. 1990 में अंबेडकर को तब भारत रत्न मिला जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी. आंबेडकर को भारत रत्न ना मिले इसका प्रयास कांग्रेस करती रही.

-उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने आंबेडकर के न रहने के बाद कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया. कांग्रेस ने 1951-52 और 1954 में बाबा साहेब को हराने की कोशिश की थी. आंबेडकर की 100वीं जयंती मनाने से इनकार कर दिया था.

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