तेलंगाना में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस, बीआरएस विधायकों में बहस

सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सत्ता में रहते हुए दोनों पार्टियों के ट्रैक रिकॉर्ड को लेकर बहस में उलझी दिखी और एक दूसरे पर ‘परिवार के शासन’ और अन्य मुद्दों को लेकर आरोप लगाए.

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तेलंगाना विधानसभा भवन.
हैदराबाद:

तेलंगाना विधानसभा में शनिवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष और विपक्षी विधायकों के बीच तीखी बहस देखने को मिली. सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सत्ता में रहते हुए दोनों पार्टियों के ट्रैक रिकॉर्ड को लेकर बहस में उलझी दिखी और एक दूसरे पर ‘परिवार के शासन' और अन्य मुद्दों को लेकर आरोप लगाए.

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने आरोप लगाया कि राज्यपाल के अभिभाषण में काफी कुछ असत्य था और वह ऐसा भाषण सुनने के लिए ‘बतौर सदस्य वह शर्मिंदा हैं.' उन्होंने दावा किया कि अविभाजित आंध्र प्रदेश में उसका (कांग्रेस का) शासन सूखी जमीन, भूख से मौत और आत्महत्याओं का प्रतीक रहा है.

मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने परिवार के कथित शासन, सिंचाई परियोजनाओं के पूरा नहीं होने, तेलंगाना राज्य के गठन के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले लोगों के परिवारों की उपेक्षा, प्रश्नपत्र के लीक होने एवं बीआरएस के दस साल के शासन की अन्य विफलताओं का हवाला देते हुए अपनी पार्टी कांग्रेस का बचाव किया.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने (पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर के शिविर कार्यालय सह सरकारी आवास) प्रगति भवन के लोहे के द्वार को तोड़ दिया. यह लोगों द्वारा निर्वाचित सरकार है. यह लोगों की सरकार है. तब मंत्रियों को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए प्रवेश नहीं मिलता था. तेलंगाना आंदोलन को शह देने वाले गड्डर (लोकगायक) को अंदर नहीं जाने दिया गया था. लेकिन आज , यदि अल्पसंख्यक, दलित, जनजाति, महिलाएं और कमजोर तबके कहते हैं कि हमारी कुछ समस्या है तो सरकारी उनकी बातें सुनने के लिए तैयार हैं.''

शनिवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर यह बहस हाल के चुनाव के बाद तीसरी तेलंगाना विधानसभा के गठन के उपरांत पहली चर्चा थी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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