भारत के एंटीट्रस्ट वॉचडॉग भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) यानी CCI ने अपने स्टाफ को 60 साल पुराने नियम का हवाला देते हुए मीडिया के साथ कोई भी जानकारी शेयर नहीं करने की चेतावनी दी है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, CCI ने 20 अगस्त को जारी एक इंटर्नल मेमो में कहा, "यह देखा गया है कि हाल ही में मामलों से जुड़ी कुछ जानकारी मीडिया में प्रकाशित हुई हैं. इनमें कुछ ऐसे मामलों की जानकारियां भी हैं, जिनकी समीक्षा की जा रही थीं. स्टाफ ऐसी जानकारियां शेयर करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. CCI ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है."
इंटर्नल स्टाफ मेमो में यह भी कहा गया है कि नियमों का पालन न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. ये नियम CCI छोड़कर चले गए अधिकारियों पर भी लागू होते हैं.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इंटर्नल मेमो को लेकर CCI से संपर्क किया था. हालांकि, CCI की चेयरपर्सन रवनीत कौर ने मेमो पर एजेंसी के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, CCI हाई-प्रोफाइल कंपनियों की जांच कर रही है. इसमें अमेज़ॅन, वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट, रिलायंस, वॉल्ट डिज़्नी और शराब निर्माता परनॉड रिकार्ड जैसी कंपनियों से जुड़े डील की समीक्षा भी शामिल है.
रॉयटर्स ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया कि CCI ने डिज्नी और रिलायंस मीडिया मर्जर से प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान होने को लेकर चेताया था. रिपोर्ट के मुताबिक, CCI इस शुरुआती आकलन पर पहुंचा कि भारत में रिलायंस और वॉल्ट डिज्नी मीडिया का 8.5 अरब डॉलर के होने वाले मर्जर से प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान पहुंचेगा. न्यूज एजेंसी ने चार सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी थी.
इस महीने की शुरुआत में CCI ने निजी तौर पर दो रिपोर्टों को वापस लेने का एक असामान्य कदम भी उठाया था. इसमें आईफोन बनाने वाली कंपनी Apple के प्रतिस्पर्धा कानून के कथित उल्लंघनों की डिटेल दी गई थी.