ओडिशा (Odisha) के एक मंत्री ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) की तुलना भगवान जगन्नाथ से करके विवाद खड़ा कर दिया है. राज्य के उद्योग मंत्री पीके देब (PK Deb) के इस बयान के कारण पूरे प्रदेश में हंगामा मच गया है और विपक्षी दलों ने मंत्री से बिना शर्त माफी की मांग की है. पीके देब ने बीजू जनता दल (BJD) की एक बैठक के दौरान शुक्रवार को कहा था कि ओडिशा अब नवीन पटनायक के नाम से जाना जाता है, पहले यह भगवान जगन्नाथ के लिए जाना जाता था.
मंत्री पीके देब ने कहा, ‘‘एक समय था जब लोग भगवान जगन्नाथ के कारण ओडिशा को जानते थे. लेकिन अब यदि आप कहते हैं कि आप ओडिशा से आते हैं, तो पूरे भारत में लोग तुरंत राज्य को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के स्थान के रूप में पहचान लेंगे.''
पीके देब की इस टिप्पणी की विभिन्न विपक्षी दलों और धार्मिक संगठनों ने कड़ी निंदा की है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से 'अहंकार' का मामला है, जब ओडिशा के मंत्री प्रताप केशरी देब कहते हैं कि पहले लोग ओडिशा को भगवान जगन्नाथ के नाम पर पहचानते थे. अब मुख्यमंत्री भगवान जगन्नाथ से अधिक प्रसिद्ध हो गए हैं. ओडिशा अब जगन्नाथ जी के नाम से नहीं बल्कि नवीन पटनायक के नाम से जाना जाता है.”
संबित पात्रा ने ट्वीट किया, ‘‘यह 4.5 करोड़ ओड़िया और दुनिया भर के सभी हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने जैसा है. हम सभी जानना चाहेंगे कि क्या मुख्यमंत्री भी देब के इस बयान से सहमत हैं? यदि नहीं तो क्या मुख्यमंत्री उक्त मंत्री को फटकार लगाएंगे?''
बीजेपी के राज्य महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने भी मंत्री के इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी ‘‘अज्ञान की पराकाष्ठा'' को दर्शाती है. उन्होंने कहा, ‘‘बीजद ने अभिमान और अहंकार की सारी हदें पार कर दी हैं. उसने पार्टी नेताओं को भगवान श्री जगन्नाथ के विकल्प के रूप में देखना शुरू कर दिया है.''
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष शरत पटनायक ने मंत्री की इस टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
इस बीच, श्री जगन्नाथ सेना ने देब के इस बयान की आलोचना करते हुए पुरी में विरोध प्रदर्शन किया. पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर के एक वरिष्ठ सेवक बिनायक दशमोहपात्रा ने कहा कि मंत्री ने इसलिए ऐसी टिप्पणी की है क्योंकि बीजद सत्ता में ‘‘अधिक समय से'' है. उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी किसी इंसान के साथ भगवान की तुलना करने की हिम्मत कैसे कर सकता है, भले ही वह मुख्यमंत्री क्यों न हो.''
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