भारत अपनी कुल ऊर्जा क्षमता का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करने का लक्ष्य 2030 की निर्धारित समयसीमा से पहले हासिल करने को प्रतिबद्ध है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह बात कही. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिंदर सिंह भल्ला ने कहा कि गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट के कुल क्षमता लक्ष्य में से 485 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) से आने की परिकल्पना की गई है.
वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘ कुल ऊर्जा में नवीकरणीय ऊर्जा की हमारी हिस्सेदारी काफी बढ़ गई है. अब यह भारत की कुल ऊर्जा क्षमता का 42 प्रतिशत से अधिक है ..'''
उन्होंने कहा, ‘‘ हम 2030 तक 50 प्रतिशत क्षमता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम इसे हासिल करने की राह पर हैं. हमें उम्मीद है कि हम 2030 से पहले ही इसे हासिल कर लेंगे.''
इसके आगे भारत की आरई क्षमता 2014 में करीब 76 गीगावाट से बढ़कर वर्तमान में 180 गीगावाट हो गई है.लक्ष्य 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता का है, जिसमें से हमारे पास 2030 तक लगभग 485 गीगावाट आरई होगा.इससे पता चलता है कि भारत किस पैमाने पर प्रगति कर रहा है. इसका अधिकतर हिस्सा बोर्ड पर आएगा. इसमें कुछ समय के लिए थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन ज्यादातर परियोजनाएं ऑनलाइन आने वाली हैं और हम उम्मीद करते हैं कि लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा.
भूपिंदर सिंह भल्ला ने ने स्वीकार किया कि आरई की लक्षित कुल क्षमता और मौजूदा तथा आगामी क्षमताओं के संयोजन के बीच के अंतर को पाटने की जरूरत है. इसके लिए योजना बनाकर उसे लागू करना होगा.