कोयला खनन केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जांच में एक बड़ा सुराख हाथ लगा है. ईडी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी कोयला घोटाले की जांच के दौरान 1300 करोड़ रुपए की रिश्वत के सबूत मिले है. इसमें से 730 करोड़ रुपए विनय मिश्रा- विकास मिश्रा ने लिए थे. बताया गया है कि इस रिश्वत की रकम रसूखदारों के नाम पर मांगी जाती थी. ईडी पर इसकी जांच कर रही है कि रिश्वत की रकम किन लोगों तक जाती थी और कैसे जाती थी.
सूत्रों ने बताया कि विकास मिश्रा रिश्वत के पैसों को इधर से उधर पहुंचाने में अहम रोल अदा करता था. अब तक की पूछताछ में विकास मिश्रा ने कुछ टीएमसी नेताओं समेत कुछ नौकरशाहों के नाम भी लिए हैं. विकास मिश्रा ने साथ ही खुलासा किया है कि रिश्वत की रकम नगदी के अलावा कुछ लोग सोना तथा अन्य चीजों के तौर पर भी लेते थे.
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बता दें, विकास मिश्रा अभी 6 दिनों की ED की रिमांड पर है. ED मुख्यालय में विकास मिश्रा से पूछताछ हो रही है. उससे विनय मिश्रा के बारे में भी पूछताछ की जा रही है. विकास मिश्रा विनय मिश्रा का भाई है. विनय मिश्रा अभिषेक बनर्जी का करीबी है, जो फिलहाल दुबई या बांग्लादेश में बताया जाता है. विकास मिश्रा से पूछताछ के आधार पर ED आगे कुछ प्रभावशाली लोगों को भी समन कर सकती है.
ईडी ने पहली बार इस बात का खुलासा किया है कि कोयला तस्करी केस में 1300 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गयी. जिसमें 750 करोड़ रुपए अकेले मिश्रा बंधुओं ने लिए थे.
बता दें, प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध कोयला खनन से जुड़े 1,300 करोड़ रुपये से अधिक के धनशोधन के एक मामले में तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा को मंगलवार को गिरफ्तार किया था. विकास मिश्रा को धनशोधन निषेध कानून (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पेश किया गया जिसने उसे छह दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया.
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