कर्नाटक में 'कुर्सी' की लड़ाई तेज, CM सिद्दारमैया बोले- हमें 5 साल का जनादेश मिला है, एक पल का नहीं

सिद्दारमैया के इस नए बयान ने साफ कर दिया है कि वह पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के मूड में नहीं हैं, जिससे यह अंदरूनी लड़ाई और भी गरमा गई है.

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  • कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने स्पष्ट किया है कि उन्हें जनता का जनादेश पूरे पांच साल के लिए मिला है
  • उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के शक्ति संबंधित बयान पर सिद्दारमैया ने सोशल मीडिया पर बिना नाम लिए पलटवार किया
  • 2023 के चुनाव में मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्दारमैया और डी.के. शिवकुमार दोनों प्रबल दावेदार थे
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने राज्य की राजनीति में चल रही खींचतान के बीच एक सख्त और सीधा संदेश दिया है. उन्होंने साफ़ कर दिया है कि उन्हें जनता का जनादेश पूरे पांच साल के लिए मिला है, न कि कुछ समय के लिए. उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब उनके और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर कथित तौर पर सत्ता-साझा (power-sharing) करने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

डीकेएस के 'शब्द शक्ति' वाले बयान पर पलटवार

यह विवाद तब और बढ़ गया जब डी.के. शिवकुमार ने 'शब्द शक्ति, विश्व शक्ति' (Word power is world power) जैसा बयान दिया. इसके जवाब में सिद्दारमैया ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बिना नाम लिए डीकेएस पर निशाना साधा.

सिद्दारमैया ने लिखा, "एक शब्द तब तक शक्ति नहीं बनता जब तक वह लोगों के लिए दुनिया को बेहतर न बनाए. कर्नाटक की जनता ने हमें जो जनादेश दिया है, वह एक पल के लिए नहीं, बल्कि पूरे पाँच साल की जिम्मेदारी है."

क्या है असल विवाद?

जब 2023 में कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव जीता था, तब मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्दारमैया और डी.के. शिवकुमार दोनों ही प्रबल दावेदार थे. उस समय यह अफवाह उड़ी थी कि पार्टी आलाकमान ने डी.के. शिवकुमार को यह वादा करके उप-मुख्यमंत्री बनने के लिए मनाया था कि सिद्दारमैया 2.5 साल बाद पद छोड़ देंगे और डीकेएस को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा.

अब, जबकि सरकार के 2.5 साल पूरे होने वाले हैं, डीके शिवकुमार का खेमा इस 'वादे' को पूरा करने के लिए दबाव बना रहा है. वहीं, सिद्दारमैया लगातार इस बात से इनकार करते रहे हैं कि ऐसा कोई वादा किया गया था. सिद्दारमैया के इस नए बयान ने साफ कर दिया है कि वह पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के मूड में नहीं हैं, जिससे यह अंदरूनी लड़ाई और भी गरमा गई है.

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे कर सकते हैं बैठक

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के इस मामले पर चर्चा के लिए गांधी परिवार के साथ बैठक करने की उम्मीद है. इसके बाद, सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों को दिल्ली बुलाने की योजना है,

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