सीएम पुष्कर धामी ने केंद्र से संसाधनों के आवंटन में इको सिस्टम को महत्व देने का अनुरोध किया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में भोपाल में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक में धामी ने केन्द्र सरकार से वित्तीय संसाधनों के आवंटन में फ्लोटिंग पॉपुलेशन को भी ध्यान में रखने का अनुरोध किया

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (फाइल फोटो).
देहरादून:

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने सोमवार को केंद्र के सहयोग से पर्वतीय क्षेत्र में प्राकृतिक जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए एक विशेष अभियान प्रारम्भ किए जाने और राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में पारिस्थितिकीय सेवाओं को महत्व दिए जाने का अनुरोध किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में भोपाल में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक में हिस्सा लेते हुए धामी ने केन्द्र सरकार से वित्तीय संसाधनों के आवंटन में फ्लोटिंग पॉपुलेशन (अस्थाई आबादी) को भी ध्यान में रखने का अनुरोध किया.

यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने केंद्र से प्रदेश में एक सशक्त मौसम पूर्वानुमान प्रणाली डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना तंत्र के लिए भी सहयोग मांगा. उन्होंने मध्य क्षेत्रीय परिषद की आगामी बैठक देवभूमि उत्तराखंड में आयोजित करने का भी अनुरोध किया.

धामी ने बरसाती नदियों को वैज्ञानिक आधार से हिमनद आधारित नदियों से जोड़े जाने का सुझाव देते हुए कहा कि इसका लाभ उत्तराखंड को ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र को होगा. मुख्यमंत्री ने भारत सरकार के सहयोग से पर्वतीय क्षेत्र में प्राकृतिक जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए एक विशेष अभियान को भी प्रारम्भ किए जाने का सुझाव दिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड अपने वनों, बुग्यालों और हिमनदों का संरक्षण करके राष्ट्र को महत्वपूर्ण पारिस्थितिकीय सेवाएं उपलब्ध करा रहा है. भोपाल के ही प्रतिष्ठित भारतीय वन प्रबंधन संस्थान के एक अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इन पारिस्थितिकी सेवाओं का वार्षिक मूल्य न्यूनतम 95,000 करोड़ रुपये आंका गया है. मुख्यमंत्री ने राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में इन पारिस्थितिकी सेवाओं को महत्ता दिए जाने का अनुरोध किया.

उत्तराखंड में देश-विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों के आवागमन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या लगभग सवा करोड़ है किंतु प्रतिवर्ष यहां लगभग छह करोड़ की अस्थाई आबादी आती है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार राज्य सरकार को सवा सात करोड़ लोगों के लिए अवस्थापना सुविधाओं की व्यवस्था करनी पड़ती है, अतः राज्य के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत केंद्र को वित्तीय संसाधनों के आवंटन में इस महत्त्वपूर्ण तथ्य को भी ध्यान में रखना चाहिए.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: बिहार का समीकरण बदलेंगे Asaduddin Owaisi ? | Top News | Tejawashi Yadav
Topics mentioned in this article