लोकसभा चुनाव से पहले फिर 'तीसरे मोर्चे' को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. ऐसा माना जा रहा था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी तीसरे मोर्चे के गठन में जुटी हुई हैं. पिछले दिनों उन्होंने कई पार्टियों के प्रमुख नेताओं के साथ मुलाकात भी की. हालांकि, खबर है कि अब ममता बनर्जी ने अपना इरादा बदल दिया है. जनता दल(यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने 2024 के चुनावों से पहले एक गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाने का इरादा छोड़ दिया है.
केसी त्यागी ने कहा, "नीतीश कुमार के साथ हुई बैठक में ममता बनर्जी ने गैर-कांग्रेसी तीसरे मोर्चे को बनाने की इच्छा छोड़ने के संकेत दिए हैं. नीतीश कुमार, जब ममता बनर्जी से मिले थे, तब उन्होंने विपक्षी एकता के सकारात्मक संकेत दिए थे. पहले गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाने का जो ममता बनर्जी का इरादा था, उससे हटके उनकी राय थी. ममता बनर्जी नीतीश कुमार के फार्मूले से सहमत हैं कि "एक के खिलाफ एक" उम्मीदवार होना चाहिए. ममता ने कहा था कि विपक्षी नेताओं की बैठक पटना में बुलाएं."
जदयू के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जेपी का जब आंदोलन चला, उस वक्त बिहार केंद्र में बदलाव का प्रतीक था. ममता बनर्जी की जो सोच थी के चंद्रशेखर राव, अरविंद केजरीवाल आदि को लेकर एक गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाने की उसमें परिवर्तन आया है. नीतीश का जो फार्मूला है, विपक्षी एकता का वो अब ज्यादा लोगों को स्वीकार है. इसमें बीजेपी के एक उम्मीदवार के मुकाबले हम लोगों का एक उम्मीदवार खड़ा करने का प्रस्ताव है. पटना में मीटिंग की तारीख अभी तय नहीं हुई है.
बता दें कि इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि 2024 के चुनावों के लिए सीट बंटवारे के फार्मूले में मजबूत क्षेत्रीय दलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जहां वे मजबूत हैं.
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