बेरोजगारों पर सीएम गहलोत का चुनावी दांव, मिनिमम गारंटी इनकम बिल से देंगे रोजगार

मिनिमम गारंटी इनकम बिल के तहत अगर बेरोजगार लोगों को 15 दिनों के भीतर रोजगार नहीं मिला तो उन्हें सरकार की तरफ से बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.

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सीएम अशोक गहलोत युवाओं के लिए लेकर आ रहे हैं मिनिमम इनकम गारंटी बिल
नई दिल्ली:

राजस्थान की गहलोत सरकार बेरोजगारों के लिए मिनिमम इनकम गारंटी बिल लेकर आने जा रही है. इस बिल को आज (शुक्रवार) सदन में पेश किया जाएगा. अशोक गहलोत सरकार के इस बिल को राजस्थान में चुनाव से पहले उनका मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस बिल की मदद से सीएम गहलोत युवा बेरोजगारों तक पहुंचने की कोशिश में हैं. 

मिल रही जानकारी के अनुसार मिनिमम इनकम गारंटी बिल  यानी न्यूनतम आय गारंटी अधिनियम के तहत अगर बेरोजगार लोगों को 15 दिनों के भीतर रोजगार नहीं मिला तो उन्हें सरकार की तरफ से बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. इस अधिनियम के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 18 साल और इससे ऊपर के लोगों को न्यूनतम मजदूरी करने का अधिकार मिलेगा. 

राजस्थान सरकार इस बिल के अलावा पेपर लीक को लेकर भी कानून बनाने की तैयारी में हैं. इसे लेकर बिल आने के बाद पेपर लीक करने पर आरोपी को उम्रकैद तक की सजा सुनाने का प्रावधान होगा. बता दें कि सचिन पायलट की लंबे समय से मांग है कि सरकार राजस्थान पेपर लीक मामले पर कार्रवाई करे.

इस बिल के साथ ही राजस्थान सरकार इस मानसून सत्र में राजस्थान प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट रेगुलेटरी अथॉरिटी बिल भी ला सकती है. यह सभी प्राइवेट शैक्षणिक और कोचिंग संस्थानों से जुड़ा कानून है. इसमें रजिस्ट्रेशन, फीस नियंत्रण और फीस वापसी के प्रावधान शामिल हैं.

राजस्थान में विधानसभा का यह 8वां सत्र है. इस बिल को लेकर बीजेपी नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि आत्महत्या की प्रवृत्ति इन वर्षों में बढ़ी हुई दिखाई पड़ती है. सरकार ने सदन में और सदन के बाहर कई बार घोषणा की है कि हम एक बिल लेकर आएंगे. सरकार ने इस संबंध में कुछ नहीं किया. ये सरकार तोथा चना बाजे, घना की नीयत में केवल घोषणा करती है.

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