जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटा (Cloudburst) है. बादल फटने से गुफा के आसपास नुक़सान की आशंका है. अभी तक किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है. बादल फटने के समय गुफ़ा में कोई यात्री नहीं था. हालांकि बीएसएफ, सीआरपीएफ और जम्मू पुलिस के कैंप को नुकसान पहुंचने की आशंका है. एसडीआरएफ की 2 टीमें पहले से वहां हैं. एक और टीम गांदरबल से रेस्क्यू और राहत बचाव के लिए भेजी गई है.अधिकारियों के अनुसार भारी बारिश और पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के चलते गुंड और कंगन में लोगों को सिंध नदी से दूर रहने की सलाह दी गई है.
चेतावनी में कहा गया है कि नदी के जलस्तर में अचानक इजाफा हो सकता है और बादल फटने से बहाव बेहद तेज हो सकता है.पवित्र गुफा की ओर जाने वाली पहाड़ी के आधार पर स्थित सुरक्षा बलों के अलावा बेहद कम लोग इस क्षेत्र में काफी कम लोग मौजूद थी. कोविड महामारी के चलते पिछले दो साल से अमरनाथ यात्रा को रद्द करना पड़ा है.उप राज्यपाल ने 21 जून के अपने ट्वीट में लिखा था, '56 दिन की अमरनाथ यात्रा 28 जून से दो रूट से शुरू होनी थी और रक्षाबंधन के दिन यानी 22 अगस्त को इसका समापन होना था.' उन्होंने लिखा था- लोगों की जिंदगी बचाना अहम है. इसलिए इस साल जनहित में यात्रा आयोजित करना उचित नहीं होगा.'दरअसल, कोरोना के कारण बड़े धार्मिक आय़ोजनों और भीड़ के जमा होने पर रोक है. इसी को ध्यान में रखते हुए यात्रा को रद्द किया गया था. सामान्य दिनों में हर साल हजारों लोग बाबा बर्फानी (Baba Barfani) के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) जाते हैं.