हिमाचल के धर्मशाला में बादल फटने की घटना ने दहशत मचा दी है, मानसून की भारी बारिश के बीच पर्यटन क्षेत्र भागसू में सोमवार सुबह बादल फटने (Dharamshala Cloud Burst) से अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) आ गई. देखते ही देखते एक छोटे से नाले ने उफनाती नदी का रूप धारण कर लिया. बाढ़ से भागसू (Himachal Bhagsunath Falls) का नाला ओवरफ्लो हो गया. इस नाले में उफान आने के कारण तेज धारा में कई लग्जरी वाहन बह गए. इस नाले के साथ दोनों ओर कई होटल भी लगते हैं. बादल फटने से इन होटलों को भी नुकसान पहुंचा है. इस घटना ने 7 फरवरी 2021 को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लशेयिर टूटने के बाद आई बाढ़ की घटना की याद दिला दी है, जिससे लोग दहशतजदा हैं.
वहीं, स्थानीय लोग बादल फटने और उसके बाद नदी-नालों में उफान आने के कारण सहमे हुए हैं. भागसू में इस वक़्त अफरातफ़री का माहौल है. सोशल मीडिया पर उफनाते नाले का वीडियो भी वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है पानी का तेज बहाव गाड़ी को बहाते हुए ले जा रहा है. हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में रविवार रात से बारिश हो रही है. पिछले कई दिनों से यहां के लोग भी गर्मी से बेहाल थे.
हालांकि, सोमवार को लोगों को गर्मी से राहत तो मिली है, लेकिन भारी बारिश से कई जगह से नुकसान की खबरें भी सामने आ रही हैं. कांगड़ा जिला में देर रात से हो रही तेज बारिश आफत बन गई है. नदी नाले उफान पर हैं. मैक्लोडगंज के भागसू नाग के पास नाले में भारी पानी के कारण पार्किंग में खड़ी गाड़ियां कुछ दूर बह गईं. उन्हें नुकसान पहुंचा है.
हिमाचल में बादल फटने की घटना ने लोगों को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने की घटना के बाद हुई तबाही की याद दिला दी है. ग्लेशियर फटने के बाद चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में बाढ़ आ गई थी. इससे एनटीपीसी की तपोवन जल विद्युत परियोजना पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी. इस परियोजना से जुड़ी सुरंग में फंसकर काफी संख्या में लोग मारे गए थे. चमोली की ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई जबकि तपोवन विष्णुगाड परियोजना को भारी क्षति पहुंची है.