- उत्तराखंड के धराली गांव में अचानक बादल फटने से जलस्तर तेजी से बढ़ गया और व्यापक तबाही मची.
- बादल फटने से दर्जनों इमारतें बह गईं और मलबे में दबने के कारण कई लोग लापता और घायल हुए.
- स्थानीय नाला जो पहले एक फुट चौड़ा था, बादल फटने के बाद समुद्र जैसा हो गया और गांव को लील गया.
उत्तराखंड का गांव धराली में मंगलवार को दोपहर 1 बजे से पहले सबकुछ सामान्य था. बारिश तो हो रही थी लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि बारिश की खामोश टिप-टिप वाली बूंदें एक बड़ा सैलाब अपने साथ लेकर आ रहा है. करीब 1:30 मिनट पर बादल फटा और कुछ ही सेकेंड्स में हर तरफ तबाही का आलम था. जिस गांव में कभी शांति और सुकून था, वहां जान बचाने की जद्दोजहद थी और हर तरफ चीख पुकार थी.
नाले में अचानक बढ़ा जलस्तर
उत्तराखंड के धराली गांव में बादल फटने से बड़े स्तर पर तबाही आई है. जहां कुछ लोगों की मौत हो गई है तो वहीं कुछ लोग लापता है. जबकि कई लोग बह गए हैं. पवित्र स्थल गंगोत्री के निकट स्थित धराली गांव में बादल फटने से पहले और बाद की जो तस्वीरें आई हैं वो अपने आपमें तबाही को बयां करने के लिए काफी हैं. तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि करीब पूरा गांव - दर्जनों इमारतें-या तो बह गईं या मलबे में दब गईं. बादल फटने की वजह से एक स्थानीय नाले का जलस्तर अचानक बढ़ गया. यह नाला जो बमुश्किल एक फुट चौड़ा था बादल फटते ही किसी समंदर में तब्दील हो गया और पूरे के पूरे गांव को ही लील गया.
बाढ़ में बह गया सबकुछ
एक ग्रामीण राजेश पंवार ने बताया कि मलबे में करीब 10-12 लोग दबे हो सकते हैं. उन्होंने यह जानकारी भी दी कि 20-25 होटल और होमस्टे बह गए होंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान की खबर बेहद दुखद और दर्दनाक है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित टीमें राहत और बचाव कार्यों में युद्धस्तर पर लगी हुई हैं.'
जल्द से जल्द पहुंचाई जा रही राहत
उत्तरकाशी का धराली गांव हिमालय के बीच और पवित्र गंगा नदी के तट पर बसा है. यह जगह सेब के बगीचों के तौर पर जानी जाती है. साथ ही ऐसा कहा जाता है कि यह उत्तराखंड की वजह जगह है जो अभी तक बड़ी आबादी की पहुंच से दूर है. यह हर्षित के करीब ही है और इसके आसपास कई आश्रम भी स्थित हैं. अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड के मातली में तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 12वीं बटालियन से 16 सदस्यीय दल धराली पहुंच चुका है जबकि इसी बल की एक और यूनिट को भी बादल फटने वाली जगह पर पहुंचने को कहा गया है.