तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee Suspend) को अमर्यादित आचरण के लिए वक्फ विधेयक संबंधी संयुक्त संसदीय समिति से निलंबित कर दिया गया है. बनर्जी को अगली एक बैठक के लिए निलंबित किया गया है. उन्हें सस्पेंड करने के लिए वोटिंग हुई और नियम 374 के तहत सस्पेंड किया गया. इससे पहले, वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में जमकर हंगामा हुआ. भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय और तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि बनर्जी ने पानी की बोतल को तोड़ दिया. इस मामले में कुछ सदस्यों का कहना है कि बोतल कमेटी के चेयरमैन जगदंबिका पाल की ओर फेंकने की कोशिश हुई है.
जानकारी के मुताबिक, तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने तीखी बहस के बाद कांच की बोतल को तोड़ दिया और इससे उन्हें ही चोट आई. सूत्रों के मुताबिक कल्याण बनर्जी बिना बारी के अपनी बात रखना चाहते थे. वह पहले ही तीन बार बोल चुके थे और प्रजेंटेशन के दौरान एक बार फिर बोलना चाहते थे. इसे लेकर भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने आपत्ति जताई. इसके बाद ही दोनों के बीच तीखी बहस हुई.
अध्यक्ष की ओर नहीं फेंकी बोतल : विपक्षी सांसद
इसी दौरान कल्याण बनर्जी ने पानी की एक बोतल को उठाकर उसे मेज पर दे मारा. कांच की इस बोतल के टूटने से उन्हें ही चोट पहुंची. घटना के कारण बैठक कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई. इसके तुरंत बाद बनर्जी को इलाज के लिए ले जाया गया, जहां उनके हाथ में चार टांके लगे हैं.
उधर, विपक्षी सांसदों का कहना है कि पानी की बोतल को अध्यक्ष की ओर फेंकने की कोशिश नहीं की गई थी, बल्कि गुस्से में उठाकर उसे वहीं पर पटक दिया गया था. इसी के चलते कल्याण बनर्जी के हाथों में चोट आ गई.
15 अक्टूबर को भी दोनों के बीच हुई थी बहस
अभिजीत गंगोपाध्याय और कल्याण बनर्जी के बीच पिछली बैठकों में भी इस तरह बहस हुई है. 15 अक्टूबर को हुई बैठक में भी दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया था.
केंद्र सरकार ने 08 अगस्त को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को पेश किया. हालांकि विधेयक को संयुक्त समिति को भेजने की सांसदों की मांग को मानते हुए सरकार ने इन्हें संसद की संयुक्त समिति के पास भेज दिया था.
रक्षा और रेल के बाद देश में वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक जमीनें हैं. भारत सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के अनुसार, वक्फ बोर्ड के पास देश में 8,65,646 संपत्तियां पंजीकृत हैं. इनमें कुल 9.4 लाख एकड़ जमीन है, जिसकी कुल कीमत करीब 1.2 लाख करोड़ रुपए है.