बार प्रमुख के साथ तीखी बहस के बाद ‘होली मिलन’ कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़

अप्पू घर की जमीन वकीलों के ‘चैम्बर’ के लिए आवंटित करने से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश और एससीबीए प्रमुख विकास सिंह के बीच तीखी बहस देखने को मिली थी

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) द्वारा आयोजित ‘होली मिलन' कार्यक्रम से दूरी बना ली, जिसमें उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना था. बृहस्पतिवार को, अप्पू घर की जमीन वकीलों के ‘चैम्बर' के लिए आवंटित करने से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश और एससीबीए प्रमुख विकास सिंह के बीच तीखी बहस देखने को मिली थी. चीफ जस्टिस को वरिष्ठ अधिवक्ता को यह निर्देश देना पड़ा था कि वह ऊंची आवाज में नहीं बोलें और अदालत कक्ष से बाहर चले जाएं.

एससीबीए ने शुक्रवार को एक काव्य पाठ का आयोजन किया था, जिसमें प्रधान न्यायाधीश को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. अशोक चक्रधर और शंभू शिखर जैसे प्रख्यात कवियों ने कार्यक्रम में अपनी कविताओं का पाठ किया.

एससीबीए के अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार को मामलों के उल्लेख के दौरान न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष कहा था कि वह पिछले छह महीने से इस विषय को सूचीबद्ध कराने की मशक्कत कर रहे हैं.

सिंह ने कहा, ‘‘एससीबीए की याचिका पर अप्पू घर की जमीन उच्चतम न्यायालय को मिली और एससीबीए को बेमन से केवल एक ब्लॉक दिया गया. पूर्व प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण के कार्यकाल में इस भूमि पर निर्माण कार्य शुरू होना था. पिछले छह महीने से हम मामले को सूचीबद्ध कराने की जद्दोजहद में लगे हैं. मुझे एक साधारण वादी की तरह समझा जाए.''

तब प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप इस तरह जमीन नहीं मांग सकते. आप हमें एक दिन बताइए, जब हम पूरे दिन बेकार बैठे हों.''

इस पर सिंह ने कहा, ‘‘मैंने यह नहीं कहा कि आप पूरे दिन बेकार बैठे हैं. मैं केवल मामले को सूचीबद्ध कराने की कोशिश कर रहा हूं. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो मुझे इस मामले को आपके आवास तक ले जाना होगा. मैं नहीं चाहता कि बार इस तरह का व्यवहार करे.''

Advertisement

इस पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ नाराज हो गए. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधान न्यायाधीश को धमकी मत दीजिए. क्या इस तरह का बर्ताव होना चाहिए? कृपया बैठ जाइए. इसे इस तरह सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा. कृपया मेरी अदालत से जाइए. मैं इस तरह (मामले को) सूचीबद्ध नहीं करूंगा. आप मुझ पर दबाब नहीं बना सकते.''

उन्होंने कहा, ‘‘मिस्टर विकास सिंह, अपनी आवाज इतनी ऊंची मत कीजिए. अध्यक्ष के रूप में आपको बार का संरक्षक और नेतृत्वकर्ता होना चाहिए. मुझे दुख है कि आप संवाद का स्तर गिरा रहे हैं. आपने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है और दावा किया है कि उच्चतम न्यायालय को आवंटित जमीन चैंबर के निर्माण के लिए बार को दे देनी चाहिए. हम मामले के आने पर इसे देखेंगे. आप अपने हिसाब से हमें चलाने की कोशिश मत कीजिए.''

Advertisement

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘आप न्यायालय को आवंटित जमीन बार को देने के लिए कह रहे हैं. मैंने अपना फैसला सुना दिया है. यह मामले पर 17 तारीख (मार्च) को सुनवाई होगी और यह मुकदमों की सूची में पहले नंबर पर नहीं होगा.''

Featured Video Of The Day
Anant Singh Attacked: पुलिस न आती तो नरसंहार हो जाता: सोनू-मोनू के पिता | Mokama | Gangwar In Bihar
Topics mentioned in this article