CJI चंद्रचूड़ ने हाथ बढ़ाया... PM मोदी ने फेंका नहीं जेब में रख लिया रिबन, देखें VIDEO

प्रधानमंत्री मोदी देशभर में स्‍वच्‍छ भारत अभियान सालों से चला रहे हैं. इस दौरान वह कई बार सार्वजनिक स्‍थानों पर झाड़ू लगाते हुए भी नजर आए. ऐसा कर पीएम मोदी लोगों को ये संदेश देते रहे हैं कि अपने आस-पड़ोस को स्‍वच्‍छ रखने की जिम्‍मेदारी हमारी ही है.

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पीएम मोदी ने साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए जब रिबन फेंका नहीं, जेब में रख लिया....

अगर आप कोई बात दूसरों से मनवाना चाहते हैं तो उसका सबसे बेहतर तरीका है कि उसे पहले अपने ऊपर लागू कीजिए. प्रधानमंत्री मोदी ने एक ऐसा ही उदाहरण शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान पेश किया. पीएम मोदी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के साथ मंच साझा करते हुए नजर आए. इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने एक बुकलेट से रिबन हटाया, लेकिन उसे फेंका नहीं, बल्कि अपनी जेब में रख लिया.
  
पीएम मोदी के रिबन जेब में रखने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पीएम मोदी और सीजेआई चंद्रचूड़ मंच पर खड़े नजर आ रहे हैं. दोनों के हाथों में एक बुकलेट है. यह बुकलेट पर एक रिबन से लिपटा हुआ था. पीएम मोदी ने बुकलेट से रिबन हटाया, तो इस पकड़ने के लिए सीजेआई कुछ आगे बढ़े. वह पीएम मोदी के हाथों से ये रिबन लेना चाह रहे थे, क्‍योंकि वहां इसे फेंकने के लिए कोई डस्टबिन नहीं था. CJI चंद्रचूड़ ने PM मोदी से रिबन लेने की कोशिश भी की, लेकिन PM मोदी ने CJI को रिबन नहीं दिया. पीएम मोदी ने इस रिबन को अपनी जेब में रख लिया."  

प्रधानमंत्री मोदी देशभर में स्‍वच्‍छ भारत अभियान सालों से चला रहे हैं. इस दौरान वह कई बार सार्वजनिक स्‍थानों पर झाड़ू लगाते हुए भी नजर आए. ऐसा कर पीएम मोदी लोगों को ये संदेश देते रहे हैं कि अपने आस-पड़ोस को स्‍वच्‍छ रखने की जिम्‍मेदारी हमारी ही है. और इसके लिए अगर खुद भी झाड़ू उठानी पड़े तो गुरेज नहीं करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के कार्यक्रम में भी पीएम मोदी कुछ यही संदेश देते हुए नजर आए. 

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इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोगों ने कभी सुप्रीम कोर्ट, न्यायपालिका पर अविश्वास नहीं किया. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के ये 75 साल मदर ऑफ डेमॉक्रसी के रूप में भारत के गौरव को और अधिक बढ़ाते हैं. सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष... ये केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है. ये यात्रा है- भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की. ये यात्रा है- एक लोकतंत्र के रूप में भारत के और परिपक्व होने की.

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