गुजरात के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने निकारागुआ जाने वाले उस विमान पर सवार राज्य के सभी 66 यात्रियों के बयान दर्ज किये हैं, जिसे (विमान को) मानव तस्करी के संदेह में चार दिनों तक फ्रांस में रोक दिया गया था और बाद में लौटा दिया गया था. यह जानकारी एक आधिकारिक सूत्र ने शनिवार को दी. सूत्र ने बताया कि इस सिलसिले में प्राथमिकी जल्द ही दर्ज की जाएगी.
रोमानियाई चार्टर कंपनी ‘लीजेंड एयरलाइंस' द्वारा संचालित एक उड़ान 21 दिसंबर को पेरिस के पास वेट्री में उतरी थी, जिसके बाद फ्रांसीसी अधिकारियों ने मानव तस्करी के पहलू की जांच के लिए हस्तक्षेप किया था.
दो सौ छिहत्तर यात्रियों के साथ यह विमान 26 दिसंबर को मुंबई में उतरा था. यद्यपि फांस में उतरने वाली उड़ान में 303 भारतीय थे, लेकिन इनमें से 27 ने इस यूरोपीय देश में शरण मांगी और वहीं रुक गए. पुलिस अधीक्षक (सीआईडी-अपराध एवं रेलवे) संजय खरात ने जांच के बारे में बताया कि मामले में शामिल होने के संदेह में 15 आव्रजन एजेंट का विवरण इकट्ठा किया गया है.
खरात ने संवाददाताओं से कहा, 'विमान में गुजरात के 66 लोग सवार थे. सीआईडी (अपराध) ने उनके बयान दर्ज किए हैं. वे अब राज्य में अपने पैतृक गांवों को लौट गये हैं.' कुछ नाबालिगों सहित इन 66 लोगों में ज्यादातर लोग मेहसाणा, अहमदाबाद, गांधीनगर और आणंद जिलों के निवासी हैं.
उन्होंने कहा कि एजेंट ने जिन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया, जो पैसा उन्होंने एकत्र किया और जिस तरह के वीजा का इस्तेमाल किया, वे सभी जांच का हिस्सा हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे 15 एजेंट की पहचान की गयी है और उनसे पूछताछ की जा रही है.
गुजरात सीआईडी ने पहले कहा था कि यात्रियों ने दुबई के रास्ते निकारागुआ पहुंचने के बाद अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश के लिए 60-80 लाख रुपये का भुगतान किया था. सीआईडी के अनुसार, इन यात्रियों में से ज्यादातर ने आठवीं और बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई की है.
अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा निगरानी (सीबीपी) के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023 में कम से कम 96,917 भारतीयों ने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का प्रयास किया.
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