चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस से हाथ मिलाने की संभावनाओं को किया खारिज

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमख पासवान समर्थकों के साथ होली मनाने के लिए यहां आए थे. उन्होंने कहा कि वह लोकसभा चुनाव को उस एक निराशाजनक दौर को पीछे छोड़ने के अवसर के रूप में देख रहे हैं, जिस दौरान ‘‘कई लोगों ने मेरे राजनीतिक अवसान की पटकथा लिखी थी.’’

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लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज के साथ हाथ मिलाने की संभावना को लगभग खारिज करते हुए मंगलवार को अपने दिवंगत पिता राम विलास पासवान द्वारा स्थापित पार्टी के विभाजन के लिए उन्हें सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया.

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमख पासवान समर्थकों के साथ होली मनाने के लिए यहां आए थे. उन्होंने कहा कि वह लोकसभा चुनाव को उस एक निराशाजनक दौर को पीछे छोड़ने के अवसर के रूप में देख रहे हैं, जिस दौरान ‘‘कई लोगों ने मेरे राजनीतिक अवसान की पटकथा लिखी थी.''

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझ पर भरोसा जताने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य के सभी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सहयोगियों का आभारी हूं. मेरी पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी कि राजग 400 से अधिक सीटें जीते और बिहार में सभी 40 निर्वाचन क्षेत्रों पर अपना कब्जा जमाए.''

भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा तय किए गए सीट बंटवारे के तहत चिराग पासवान की पार्टी को पांच सीट मिली हैं. राजग में सीट बंटवारे के असंतुष्ट पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देते हुए यह घोषणा की है कि वह हाजीपुर से फिर से चुनाव लड़ेंगे.

हाजीपुर सीट का दिवंगत रामविलास पासवान ने कई बार प्रतिनिधित्व किया था और इस बार यहां से चिराग पासवान के चुनाव लड़ने की चर्चा है. भाजपा नेता कहते रहे हैं कि वे चाहेंगे कि लोजपा का दोनों गुट एक साथ आ जाएं.

हालांकि, जब चिराग पासवान से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ यह उन्हें (पारस को) तय करना है. मेरे पिता के निधन के बाद, परिवार का सबसे बड़ा सदस्य होने के नाते, सभी को साथ लेकर चलना उनकी ज़िम्मेदारी थी.''

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यह पूछे जाने पर कि अगर पारस ने अपनी गलती सुधारी तो क्या वह सुलह का मौका देने पर विचार करेंगे तो पासवान ने जवाब दिया, ‘‘ यह केवल मुझ पर निर्भर नहीं करता है. इसमें कई अन्य लोग भी शामिल हैं, जैसे मेरी मां, मेरी बहनें... इसके अलावा, जब भी मीडिया द्वारा उनसे इस बारे में सवाल पूछे गए तो मैंने हमेशा उन्हें सुलह से इनकार करते हुए ही देखा है.''

चिराग पासवान ने मीडिया के एक वर्ग में इन अटकलों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि उनके पिता के दिवंगत छोटे भाई राम चंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज के साथ उनकी अप्रत्यक्ष रूप से सुलह हो गई है और उनकी बहन को लोजपा (रामविलास) द्वारा समस्तीपुर से मैदान में उतारे जाने की चर्चा है.

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उन्होंने कहा, ‘‘ हमने समस्तीपुर और अन्य सभी सीटों के लिए अपना उम्मीदवार तय कर लिया है. एक-दो दिन में इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा. मुझे नहीं पता कि ऐसी अफवाहें कहां से उड़ी हैं, लेकिन मैं इन्हें सिरे से खारिज करता हूं.''

प्रिंस राज के होली की शुभकामनाएं देने के लिए भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े से मुलाकात किए जाने से अटकलें तेज हो गईं कि वह भाजपा पार्टी में शामिल होने की योजना बना रहे हैं.

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खगड़िया और वैशाली के मौजूदा सांसद क्रमशः महबूब अली कैसर और वीणा देवी के बारे में भी पूछे जाने पर चिराग ने कहा, ‘‘ हमारे संसदीय बोर्ड ने उन पर निर्णय लगभग अंतिम रूप दे दिया है. एक-दो दिन में इसकी सूचना दे दी जाएगी.''

चिराग से मुलाकात करने पहुंचे महबूब अली कैसर और वीणा देवी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ अगर हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान हमें टिकट देते हैं तो हम चुनाव लड़ेंगे.''

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जमई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ यह अनौपचारिक रूप से सभी को पता है और मैं रिकॉर्ड पर कह सकता हूं कि अरुण भारती हमारे उम्मीदवार होंगे''. जमुई में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान होना है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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