पद्मश्री 'वृक्षमित्र' सुंदर लाल बहुगुणा का कोविड से निधन, चिपको आंदोलन की थे पहचान

पदम विभूषण पद्मश्री चिपको आंदोलन के नेता और जाने-माने पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा का 94 साल की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया था. उन्होंने ऋषिकेश एम्स में अंतिम सांस ली.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
जाने-माने पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का कोविड-19 से ऋषिकेश में निधन.
देहरादून:

पद्म विभूषण, पद्मश्री चिपको आंदोलन के नेता और जाने-माने पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा का 94 साल की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया था. उन्होंने ऋषिकेश एम्स में अंतिम सांस ली. सुंदरलाल बहुगुणा की पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता के चलते हम उन्हें वृक्षमित्र के नाम से भी जानते हैं. ऋषिकेश एम्स ने इसकी जानकारी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी निधन की खबर शोक जताया है. 

पीएम ने एक ट्वीट कर कहा, 'श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी का जाना हमारे राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उन्होंने प्रकृति के सान्निध्य में रहने की सदियों पुरानी हमारी परंपरा को सामने रखा. उनकी सादगी और दया भावना कभी भूलाई नहीं जा सकती. मेरी संवेदना उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ है. ओम् शांति.'

कब और क्यों हुआ था चिपको आंदोलन

चिपको आंदोलन की शुरुआत 1973 में उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के चमोली जिले से हुई थी. यहां बड़ी संख्या में किसानों ने पेड़ कटाई का विरोध करना शुरू किया था. वो राज्य के वन विभाग के ठेकेदारों के हाथों से कट रहे पेड़ों पर गुस्सा जाहिर कर रहे थे और उनपर अपना दावा कर रहे थे. इसकी शुरुआत सुंदरलाल बहुगुणा ने की थी और इसका नेतृत्व कर रहे थे.

धीरे-धीरे यह आंदोलन बहुत बड़ा हो गया. इसे चिपको आंदोलन इसलिए कहते हैं क्योंकि इस आंदोलन के तहत लोग पेड़ों से चिपक जाते थे और उन्हें कटने से बचाते थे. इस अभियान में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर अहम भूमिका निभाई थी. महिलाएं पेड़ से चिपक जाती थीं और कहती थीं कि अगर पेड़ काटना है तो पहले उन्हें काटा जाए. 

किस नारे ने भरी आंदोलन में जान

'क्या हैं जंगल के उपकार, मिट्टी, पानी और बयार.
मिट्टी, पानी और बयार, जिंदा रहने के आधार.'

यह नारा इस आंदोलन की शक्ति था. 1987 में इस आंदोलन को सम्यक जीविका पुरस्कार (Right Livelihood Award) का सम्मान दिया गया था.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Parliament में धक्का-मुक्की में घायल सांसदों Pratap Sarangi और Mukesh Rajput को अस्पताल से छुट्टी
Topics mentioned in this article