मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए... चीनी विदेश मंत्री वांग यी का स्‍वागत करते हुए जयशंकर ने कही बड़ी बात

यी का भारत आना एक बड़ा घटनाक्रम है क्‍योंकि साल 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद से ही दोनों देशों के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे.

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  • चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने दो दिवसीय दौरे पर भारत आकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की है.
  • वांग यी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी बैठक करेंगे.
  • जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन के मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए और सीमा पर तनाव कम करना जरूरी है,
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नई दिल्‍ली:

चीन के विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को भारत पहुंच गए और उन्‍होंने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ मुलाकात भी की. यी, दो दिवसीय दौर के लिए भारत आए हैं. मंगलवार को वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. इसके अलावा उनकी एक मीटिंग राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल से भी होनी है. 

'मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए' 

यी का भारत दौरा साल 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों के बाद गंभीर तनाव में आए दोनों देशों के संबंधों को फिर से सामान्‍य बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को नई दिल्ली में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ खास मुलाकात की. उन्‍होंने कहा कि साल 2024 में दोनों देशों के नेताओं की कजान में मुलाकात के बाद किसी चीन के अधिकारी की यह पहली मुलाकात है. वांग के साथ अपनी मीटिंग में, जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए. इसके साथ ही उन्‍होंने चीनी समकक्ष का ध्‍यान इस तरफ भी दिलाया कि सीमा पर तनाव कम करना जारी रहे. 

बातचीत से होगा समाधान 

उन्‍होंने कहा, 'आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई एक और प्रमुख प्राथमिकता है. मैं हमारे विचारों के आदान-प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूं. कुल मिलाकर, हमारी उम्मीद है कि हमारी चर्चाएं भारत और चीन के बीच एक स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंध बनाने में योगदान देंगी, जो हमारे हितों की पूर्ति करेगा और हमारी चिंताओं का समाधान करेगा.' वांग ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की 24वें दौर की वार्ता में भाग लेने के लिए सोमवार को भारत की दो दिवसीय यात्रा शुरू की. 

रिश्‍तों ने देखा मुश्किल दौर 

जयशंकर ने इस दौरान कहा, 'यह मीटिंग हमें एक ऐसा मौका देती है कि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा कर सकें. साथ ही यह सही समय है जब हम ग्‍लोबल स्थिति पर चर्चा करने के साथ ही आपसी हितों से जुड़े कुछ मसलों पर भी बातचीत कर सकते हैं. ' 

जयशंकर ने वांग यी के सामने कहा कि दोनों देशों ने रिश्‍तों का एक कठिन दौर देखा है. लेकिन अब समय है जब आगे बढ़ा जाए. जयशंकर के अनुसार इसके लिए एक स्‍पष्‍ट और निर्माणात्‍मक सोच की जरूरत है. जयशंकर ने कहा कि इसे हासिल करने के लिए तीन बातों को आधार बनाने की जरूरत है, आपसी सम्‍मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित. न ही मतभेद विवाद बनने चाहिए और न ही किसी तरह की प्रतिस्‍पर्धा. 

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