भारत और चीन के बीच लद्दाख (Ladakh Border Dispute) के पैंगोंग सो (Pangong Tso) इलाके में चल रहा नौ महीने लंबा विवाद सुलझने के बाद दोनों देश शनिवार को फिर वार्ता की मेज पर होंगे. भारत-चीन के कोर कमांडर लेवल (Core Commander level talks) के अधिकारियों के बीच डेपसांग, गोगरा और हॉट स्प्रिंग पर बातचीत होगी, जहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं. इस बीच चीन ने गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष से का एक वीडियो जारी कर प्रोपेगेंडा वार छेड़ा है.
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हालांकि बातचीत के ठीक पहले चीन की हरकतें साफ संकेत दे रही हैं कि वह मुद्दों को भटकाना चाहता है, वह कोशिश कर रहा है कि बातचीत असल मुद्दों पर न हो और विवाद लंबा खिंच सके. उसने गलवान घाटी (Galwan Valley Video) में संघर्ष का वीडियो जारी कर यह जताने की कोशिश है कि टकराव भारत की ओर से शुरू हुआ था.
भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर के अधिकारियों की बातचीत शनिवार को सुबह दस बजे चुशूल के दूसरी ओर चीन के इलाके मोलडो में होगी. बातचीत का मुख्य एजेंडा गोगरा (Gogra) , हॉट स्प्रिंग (Hot spring) और देपसांग (Depsang) इलाका होगा. जहां चीन ने यथास्थिति को बदलने की पिछले साल कोशिश की थी. लेकिन बातचीत से ठीक एक दिन पहले चीन ने गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय सैनिकों के साथ हुए खूनी झड़प में पहली बार कबूला कि उसके चार सैनिक मारे गए थे.
उसने गलवान घाटी को लेकर एक वीडियो जारी कर उस दिन की हिंसा के लिए भारतीय जवानों को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की. इससे पहले सेना ने मंगलवार को वीडियो जारी कर दिखाया कि चीन की सेना पैंगोंग लेक से वापस लौटते दिख रही है. न केवल उसके टैंक पीछे हटते दिखे बल्कि जेसीबी मशीन से उसने अपने बंकर भी तोड़े. ऐसा कहीं पहली बार दिखा है कि चीन की सेना पीछे लौटती दिखी हो.
लेकिन बातचीत से ठीक पहले चीन की इस हरकत के पीछे बातचीत पर दवाब बनाने की उसकी सोची समझी रणनीति है ताकि बातचीत असल मुद्दों पर न हो और वह विवाद को और लंबा खींच सकें. पिछले नौ महीने से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं आमने सामने है.15 जून को गलवान घाटी में सैनिकों को हटाने को लेकर दोनों देशों के बीच खूनी झड़प हुई थी. इसमे 20 भारतीय जवान शहीद हुए और कथित तौर पर 45 चीनी सैनिक मारे गए थे.