चीनः युन्नान प्रांत में भूस्खलन में 20 लोगों की मौत, 24 लापता

सरकारी सीजीटीएन समाचार चैनल ने बताया कि इस हादसे के बाद कम से कम 20 लोग मृत पाए गए हैं जबकि 24 अन्य लापता हैं. आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय ने भूस्खलन के तुरंत बाद आपदा न्यूनीकरण के लिए प्रांतीय आयोग द्वारा सक्रिय आपदा राहत के लिए तीसरे स्तर की आपातकालीन प्रतिक्रिया में सुधार करते हुए दूसरा उच्चतम स्तर कर दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins

बीजिंग/कुनमिंग: दक्षिण पश्चिम चीन के पर्वतीय युन्नान प्रांत में भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है और 24 लोग अभी भी लापता है. स्थानीय अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. यह हादसा सोमवार को सुबह करीब छह बजे झाओतोंग शहर के लियांगशुई गांव में हुआ.

सरकारी सीजीटीएन समाचार चैनल ने बताया कि इस हादसे के बाद कम से कम 20 लोग मृत पाए गए हैं जबकि 24 अन्य लापता हैं. आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय ने भूस्खलन के तुरंत बाद आपदा न्यूनीकरण के लिए प्रांतीय आयोग द्वारा सक्रिय आपदा राहत के लिए तीसरे स्तर की आपातकालीन प्रतिक्रिया में सुधार करते हुए दूसरा उच्चतम स्तर कर दिया है.

आधिकारिक मीडिया के अनुसार, मंत्रालय ने बचाव और राहत कार्य के लिए आपदा प्रभावित क्षेत्र में दलों को भेजा है. खबर में बताया गया कि चीन की सरकार ने खोज और बचाव, प्रभावित लोगों के पुनर्वास, आपदा का पता लगाने, क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत और अन्य कार्यों के साथ आपदा राहत और आपातकालीन बचाव कार्यों में मदद के लिए कुल पांच करोड़ युआन (लगभग 70 लाख डॉलर) आवंटित किए हैं.

घटनास्थल पर बड़े स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. झाओतांग के प्राकृतिक संसाधन और नियोजन ब्यूरो के निदेशक वू जुन्याओ ने बताया कि एक विशेषज्ञ समूह की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि भूस्खलन एक खड़ी चट्टान के ऊपरी हिस्से के ढहने से हुआ.

खबर में उनके हवाले से कहा गया है कि ढहा हुआ हिस्सा लगभग 100 मीटर चौड़ा और 60 मीटर लंबा था और उसकी औसतन मोटाई लगभग छह मीटर थी. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सोमवार को भूस्खलन के बाद लापता लोगों की तलाश और हरसंभव बचाव प्रयास का आदेश दिया है.

शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, शी ने कहा, ‘‘हमें तुरंत बचाव दलों को तैनात करना चाहिए, लापता लोगों की तलाश के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए और जहां तक संभव हो, यह प्रयास करना चाहिए कि हताहतों की संख्या कम हो.'' प्रांत के ठंडे पहाड़ी क्षेत्र में स्थित होने से वहां कई दिनों तक बर्फ जमी रहती है जिससे बचाव स्थल बर्फ की मोटी परत से ढंका है.

Advertisement

खबर में बताया गया कि बचाव अधिकारियों ने आपदा से पहले और बाद की तस्वीरों के तुलनात्मक विश्लेषण के माध्यम से दबे हुए घरों के स्थानों का निर्धारण करते हुए खोज अभियान की रूपरेखा तैयार की. अग्निशमन कर्मी ली शेंगलोंग ने कहा, 'मुख्यालय द्वारा तय किए गए समय के अनुसार खोज और बचाव अभियान रात भर जारी रहते हैं. खबर में बताया गया कि आस-पास के गांवों के कई निवासी भी सहायता प्रदान करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Sambhal जा रहे Rahul Gandhi और Priyanka Gandhi के काफिले को Ghazipur Border पर रोका