कोविड-19 में लगे लॉकडाउन के बाद बढ़ गए बाल विवाह : महाराष्ट्र महिला आयोग प्रमुख का दावा

महाराष्ट्र महिला आयोग की प्रमुख रुपाली चाकणकर ने दावा किया कि मोबाइल फोन के कारण माता-पिता और बच्चों के बीच 'संवाद का अभाव' होने से लड़कियां संभवत: प्यार में पड़कर घर से भाग रही हैं.

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मोबाइल फोन के अधिक इस्‍तेमाल को लेकर अभी तक कई अध्‍ययन सामने आ चुके हैं. क्‍या मोबाइल फोन के कारण माता-पिता और बच्चों के बीच दूरियां भी बढ़ रही हैं? महाराष्ट्र महिला आयोग की प्रमुख रुपाली चाकणकर ने दावा किया कि मोबाइल फोन के कारण माता-पिता और बच्चों के बीच 'संवाद का अभाव' होने से लड़कियां संभवत: प्यार में पड़कर घर से भाग रही हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के बाद राज्य में बाल विवाह के मामलों में वृद्धि हुई है.

लातूर में सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चाकणकर ने कहा कि अकेले लातूर में 37 बाल विवाह रोके गए और इनमें से दो घटनाओं के संबंध में मामले दर्ज किए गए. हालांकि, उन्होंने महाराष्ट्र में बढ़ते बाल विवाह पर अपने बयान के संबंध में कोई आंकड़ें या समयावधि नहीं बताई.

चाकणकर ने कहा कि ग्राम सभाओं को बाल विवाह पर सख्ती से अंकुश लगाने के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए और शादी का निमंत्रण छापने वाली इकाइयों सहित इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि मोबाइल फोन और प्रौद्योगिकी के अन्य साधन उपलब्ध होने के कारण माता-पिता और बच्चों के बीच ‘संवाद का अभाव' देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से लड़कियां संभवत: प्यार में पड़कर घर से भाग रही हैं.

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चाकणकर ने कहा कि पुलिस के ‘दामिनी स्क्वाड' को लड़कियों की सुरक्षा के लिए उनके साथ अधिक बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने बताया, “महिला आयोग अपलया दारी पहल के तहत आयोग ने 28 जिलों की लगभग 18,000 शिकायतों का निस्तारण किया है. सोमवार को हमें लातूर में 93 शिकायतें मिलीं और तीन दल उन्हें तेजी से हल करने की दिशा में काम करेंगे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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