EPFO की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ ने 2020-21 के लिए PF खाताधारकों के लिए 8.5 फीसदी ही ब्याज दर की सिफारिश करने का फैसला किया है. वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद इस फैसले को लागू किया जाएगा. चीफ लेबर कमिश्नर ऑफ इंडिया डीपीएस नेगी (DPS Negi) ने NDTV से बातचीत में कहा, 'देश में करीब 5 करोड़ ईपीएफ के खाताधारक हैं, जिनको इस फैसले का फायदा मिलेगा. कोरोना काल के दौरान मुश्किल परिस्थितियों में सरकार ने 8.5 फीसदी की इंटरेस्ट पेमेंट सभी ईपीएफओ के 5 करोड़ खाताधारकों को दी थी.'
यह फैसला ऐसे वक्त पर किया गया है, जब अर्थव्यवस्था एक मुश्किल दौर से गुजर रही है और सरकार राजस्व जुटाने के नए रास्ते ढूंढ रही है. इस साल के आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने PF खाताधारकों को ढाई लाख रुपये तक के सालाना अंशदान पर जो ब्याज मिलता है, सिर्फ उसे ही टैक्स से छूट देने का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा कोई भी हाई-इनकम PF खाताधारक, जिसका सालाना अंशदान ढाई लाख रुपये से ज्यादा है, उसे ब्याज से होने वाली आय पर टैक्स देना होगा.
सैलरीड क्लास को कैसी खबर देगी सरकार? PF की ब्याज दर पर अहम बैठक में फैसला
श्रमिक संगठन सीटू के महासचिव तपन सेन ने इंटरेस्ट रेट 8.5 फीसदी पर बहाल रखने के फैसले का विरोध किया है. तपन सेन ने NDTV से कहा, 'यह पिछले करीब 8 साल में सबसे कम इंटरेस्ट रेट है. सरकार एक रणनीति के तहत ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था को धीरे-धीरे कमजोर करना चाहती है.' EPF खाता धारकों को 2020-2021 के लिए 8.5 फीसदी इंटरेस्ट पेमेंट देने के बाद ईपीएफओ के पास करीब 250 करोड़ का बैलेंस कॉरपस बचेगा.
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