छत्तीसगढ़ : सुरक्षाबलों ने 60 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर 'माड़ बचाओ अभियान' को दिया अंजाम

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि महाराष्ट्र सीमा से लगे हुए जंगलों में नक्सली नेताओं की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद 28 अप्रैल की रात को ‘माड़ बचाओ अभियान’ शुरू किया गया.

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नारायणपुर:

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर-कांकेर जिले के घने जंगलों में सुरक्षाबलों के लगभग 900 जवानों ने चुनौतियों का सामना करते हुए 60 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की और बड़े नक्सली नेताओं समेत 10 नक्सलियों को मार गिराया. एक सफल नक्सल विरोधी अभियान ‘माड़ बचाओ अभियान' को अंजाम देने के बाद सुरक्षाबल के जवान मारे गए नक्सलियों के शवों को लेकर बुधवार को अपने आधार शिविर में लौट गए. मारे गए अधिकांश नक्सली गढ़चिरौली डिवीजन से हैं.

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि महाराष्ट्र सीमा से लगे हुए जंगलों में नक्सली नेताओं की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद 28 अप्रैल की रात को ‘माड़ बचाओ अभियान' शुरू किया गया.

सुंदरराज ने बताया कि इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के 240 और राज्य के विशिष्ट नक्सल विरोधी बल ‘स्पेशल टास्क फोर्स' (एसटीएफ) के 590 जवानों को नारायणपुर और कांकेर जिलों के विभिन्न शिविरों से रवाना किया गया था.

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उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने दुर्गम इलाके और चुनौतियों का सामना करते हुए 60 किलोमीटर की दूरी को पैदल तय किया. सुंदरराज ने बताया कि मंगलवार सुबह लगभग चार बजे जब सुरक्षाबल टेकमेटा-काकुर गांव के जंगल की घेराबंदी कर रहे थे तब डेरा डाले हुए नक्सलियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. जिसके बाद सुरक्षाबल के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की. उन्होंने बताया कि रुक-रुक कर गोलीबारी रात आठ बजे तक करीब 16 घंटे तक चली.

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उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान मौके से तीन महिलाओं समेत 10 नक्सलियों के शव बरामद किए गए. पुलिस अधिकारी ने बताया, ''मारे गए अधिकांश नक्सली माओवादियों के गढ़चिरौली डिवीजन से हैं, जो प्रेस टीम से जुड़े थे और तेलंगाना, महाराष्ट्र और बस्तर (छत्तीसगढ़) के रहने वाले थे.''

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उन्होंने बताया कि डीआरजी, एसटीएफ और सीमा सुरक्षा बल अभी भी इलाके में अभियान पर हैं. सुंदरराज ने बताया कि अब तक 10 में से आठ नक्सलियों की पहचान की जा चुकी है तथा उनके सिर पर कुल 63 लाख रुपये का इनाम है.

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अधिकारी ने बताया कि मारे गए नक्सलियों में तेलंगाना के निवासी माओवादियों की विशेष जोनल कमेटी के सदस्य जोगन्ना उर्फ घिस्सू (66), बस्तर निवासी डिविजनल कमेटी सदस्य मल्लेश उर्फ उंगा मडकम (41), तेलंगाना निवासी विनय उर्फ रवि (55) और एरिया कमेटी सदस्य तथा जोगन्ना की पत्नी संगीता डोगे अत्राम (36) शामिल है.

उन्होंने बताया, ''महाराष्ट्र में जोगन्ना के खिलाफ अपराध के कम से कम 196 मामले दर्ज हैं तथा उसके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम है. इसी तरह, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मल्लेश के खिलाफ 43 मामले और विनय के खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं. दोनों के सिर पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम है.''

पुलिस अधिकारी ने बताया कि संगीता के सिर पर पांच लाख रुपए का इनाम है. उन्होंने बताया कि घटनास्थल से एक एके-47 राइफल, एक इंसास राइफल, दो 303 राइफल और भारी मात्रा में विस्फोटक समेत अन्य सामान बरामद किया गया है.

अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा नक्सली ठिकानों से विस्फोटक सामग्री, बारूदी सुरंग, प्रेशर कुकर, कोडेक्स तार, कंप्यूटर, प्रिंटर, उपग्रह संचार उपकरण, जेसीबी खुदाई मशीन, दैनिक घरेलू सामान और अन्य सामान बरामद किया गया है.

पुलिस अधिकारी ने कहा, ''इस अभियान से न केवल छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों को झटका लगा है, बल्कि महाराष्ट्र सहित पड़ोसी क्षेत्रों में विस्तार की उनकी योजनाओं को भी विफल कर दिया गया है.''

सुंदरराज ने कहा कि रणनीतिक योजना और सुरक्षा बलों के बीच समन्वय के कारण यह अभियान सफल हुआ है. साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने एक सप्ताह तक सावधानीपूर्वक योजना बनाकर अभियान की सफलता में अपना योगदान दिया है.

'पुलिस अधिकारी ने कहा, ''माड़ बचाओ अभियान का उद्देश्य माड़ और उसके निवासियों को गैरकानूनी माओवादी विचारधाराओं के चंगुल से मुक्त कराना है.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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