छत्तीसगढ़ सरकार ऑक्सीजन सुविधा से लैस बेड की तादाद दोगुनी करेगी, बढ़ते मामलों के कारण फैसला

राज्य में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी होने के सवाल पर सिंहदेव ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी नहीं बल्कि सिलेंडर की कमी हो रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
रायपुर:

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तर बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने शुक्रवार को भाषा को बताया कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हालात चिंताजनक है. लोगों के इलाज के लिए अधिक से अधिक ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्तर की जरूरत है. राज्य सरकार जल्द से जल्द इसकी संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रही है.सिंहदेव ने कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में छह हजार ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तर हैं. इसे 13 हजार करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सुविधा वाले कितने बिस्तर की जरूरत है यह परिस्थिति के हिसाब से ही तय होगा. अभी माना जा रहा है कि 70 से 80 फीसदी लोग होम आइसोलेशन में जाते हैं. इस हिसाब से अस्पताल जाने वाले मरीजों के लिए ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों की जरूरत होगी.

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राज्य में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी होने के सवाल पर सिंहदेव ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी नहीं बल्कि सिलेंडर की कमी हो रही है. राज्य सरकार सिलेंडर बनाने वाली कंपनी से बात कर रही है. इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य में आईसीयू बिस्तरों की कमी है. राज्य में अभी 1200 आईसीयू बिस्तर हैं. इसमें शासकीय और निजी अस्पताल शामिल हैं. राज्य में और एक हजार आईसीयू बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है. राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है.

सिंहदेव ने बताया कि राज्य में आठ सौ वेंटिलेटर है. मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र से और अधिक वेंटिलेटर की मांग की गई है. केंद्र सरकार ने राज्य को और अधिक संख्या में वेंटिलेटर भेजने का आश्वासन दिया है. केंद्र सरकार से 285 वेंटिलेटर जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की मांग की गई है. मंत्री ने बताया कि जहां 20 मार्च तक निजी क्षेत्र के अस्पतालों में 2035 बिस्तर थे उसे बढ़ाकर 6912 कर लिया गया है. वहीं आईसीयू के बिस्तरों को 477 से बढ़ाकर 1836 कर लिया गया है. साथ ही निजी क्षेत्र में 166 वेंटिलेटर थे उसे बढ़ाकर 510 कर लिया गया है.

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राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन ने कोविड संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए पूर्व में ही सभी निजी अस्पतालों के 50 प्रतिशत बिस्तर कोविड मरीजों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया था. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में इसके तहत रायपुर जिले के निजी अस्पतालों के 5512 बिस्तरों में से 3531 कोविड मरीजों के लिए आरक्षित है. दुर्ग जिले के निजी अस्पतालों के कुल 1532 बिस्तर में से 972 बिस्तर कोविड मरीजों के लिए रखे गए हैं. बिलासपुर जिले के 355 बिस्तरों में से 285 कोविड मरीजों के लिए रखे गए है.

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अधिकारियों ने बताया कि राज्य में बीते 14 मार्च से ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होने से ऑक्सीजन खपत भी बढ़ी है. 14 मार्च की स्थिति में राज्य में ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मात्र 197 मरीजों के लिए 3.68 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, जो आज 15 अप्रैल की स्थिति में बढ़कर 110.30 मीट्रिक टन हो गई है. 15 अप्रैल की स्थिति में ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों की संख्या 5 हजार 898 है. उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 29 प्लांट द्वारा 386.92 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि वर्तमान में मात्र 110.30 मीट्रिक टन ऑक्सीजन गैस का ही उपयोग ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों के लिए हो रहा है.

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छत्तीसगढ़ में बृहस्पतिवार तक 5,01,500 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इनमें से 3,74,289 मरीज इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हुए हैं. राज्य में 1,21,769 मरीज उपचाराधीन हैं तथा वायरस से संक्रमित 5442 लोगों की मौत हुई है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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